Jharkhand Budget 2023-24: झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने आज यानी शुक्रवार (3 मार्च 2023) को वर्ष 2023-24 के लिए 1,16,418 करोड़ रुपये (1 लाख 16 हजार 418 करोड़ रुपये) का बजट (Jharkhand Budget) पेश किया. इसमें कई अहम घोषणाएं की गयीं. हेमंत सोरेन सरकार की उपलब्धियों का भी वित्त मंत्री ने बखान किया. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आजसू नेताओं ने बीच-बीच में टोका-टाकी की, लेकिन अधिकतर समय झारखंड विधानसभा के सदस्यों ने डॉ उरांव के बजट भाषण को शांति से सुना.
वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि विकास की राह में अंतिम पायदान पर खड़े लोगों को आगे लाने का काम हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड सरकार ने किया है. उन्होंने सदन को बताया कि कोरोना संकट के बाद विकास दर की रफ्तार बढ़ी है. यह राष्ट्रीय विकास दर से अधिक है. वर्ष 2019-20 में प्रदेश की विकास दर 1.1 फीसदी थी, जो 2022-23 में बढ़कर 7.8 फीसदी रहने का अनुमान है.
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वित्त मंत्री ने विधानसभा में कहा कि राजकोषीय घाटा को 1 प्रतिशत से भी कम रखने में झारखंड की सरकार सफल रही है. डेट जीडीपी रेशियो में सुधार आया है. राजस्व आय में वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2019-20 में राज्स्व आय 25,521 करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2021-22 में 31,320 करोड़ रुपये और वर्ष 2022-23 में 23.28 प्रतिशत बढ़कर 38,612.84 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
झारखंड के वित्त मंत्री ने कहा कि 3 साल में स्थापना व्यय में लगातार कमी आयी है. वहीं, योजना व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है. उन्होंने बताया कि स्थापना और योजना का अनुपात अब 43:57 हो गया है, जिसके वर्ष 2023-24 में 39:61 तक लाने की योजना है. उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि हमारी सरकार स्थापना व्यय में लगातार कमी करते हुए राज्य के विकास कार्यों को तरजीह दे रही है.
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वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में आधारभूत संरचनाओं का विकास हमारी प्राथमिकता है. पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि पर हमारी सरकारने बल दिया है. वर्ष 2021-22 में 10,789 करोड़ रुपये का पूंजी व्यय हुआ था, जो वर्ष 2022-23 में 18,017 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 25,300 करोड़ रुपये हो गया.
झारखंड में आमतौर पर बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि होती थी. यह पहला मौका है, जब 15 फीसदी की वृद्धि बजट में की गयी है. वर्ष 2023-24 में 84676 करोड़ रुपये राजस्व व्यय का अनुमान है, जबकि 31,742 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का अनुमान है. सामान्य क्षेत्र के लिए 33,378.45 करोड़, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 43,303.44 करोड़, आर्थिक क्षेत्र के लिए 39,736.11 करोड़ रुपये का आवंटन सरकार ने किया है.
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि राजस्व से 30,807 करोड़ रुपये,गैर कर से 17,259 करोड़ 44 लाख रुपये, केंद्रीय सहायता से 16,438 करोड़ 42 लाख रुपये, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से 33,779 करोड़ 29 लाख रुपये, लोक ऋण से 18,000 करोड़ रुपये, अग्रिम की वसूली से 80 करोड़ 85 लाख रुपये की प्राप्ति का अनुमान है.
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि राजस्व से 30,807 करोड़ रुपये,गैर कर से 17,259 करोड़ 44 लाख रुपये, केंद्रीय सहायता से 16,438 करोड़ 42 लाख रुपये, केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी से 33,779 करोड़ 29 लाख रुपये, लोक ऋण से 18,000 करोड़ रुपये, अग्रिम की वसूली से 80 करोड़ 85 लाख रुपये की प्राप्ति का अनुमान है.
23-24 में राजकोषीय घाटा 11,674 करोड़ 57 लाख रुपये रहने का अनुमान है, जो अनुमानित जीएसडीपी का 2.7 फीसदी है. यह भारत सरकार के निश्चय से कम है. राज्य की आर्थिक विकास दर 11-12 के कांस्टेंट प्राइस और करंट प्राइस पर क्रमश: 7.4 प्रतिशत तथा 11.6 प्रतिशत अनुमानित है.