Jharkhand Economic Survey: झारखंड सरकार 3 मार्च को विधानसभा में अपना बजट पेश करेगी. उस दिन राज्य के खजाने की स्थिति का पता सबको चलेगा. साथ ही सरकार राज्य को किस दिशा में ले जाना चाहती है, उसका भी रूटमैप सामने आ जायेगा. इससे पहले यह जान लेना चाहिए कि झारखंड की अर्थव्यवस्था (Economy of Jharkhand) अब तक किस रफ्तार से बढ़ी है. इसके लिए हमें पुराने आंकड़ों पर गौर करना होगा. आइए, हम देखते हैं कि वर्ष 2000-01 से लेकर अब तक झारखंड की जीडीपी की वृद्धि की रफ्तार क्या रही है.
झारखंड गठन के बाद अगले पांच साल तक यानी वर्ष 2000 से वर्ष 2004-05 तक इसकी अर्थव्यवस्था यानी जीएसडीपी 8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी. लेकिन, इसके बाद के 8 साल यानी वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक अर्थव्यवस्था में वृद्धि की रफ्तार घटकर 6.6 फीसदी रह गयी और वर्ष 2011-12 से वर्ष 2018-19 के दौरान यह रफ्तार घटकर 6.2 फीसदी पर आ गयी.
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वर्ष 2019-20 और वर्ष 2020-21 में पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में मंदी देखी गयी. भारत और झारखंड भी इससे अछूता नहीं रहा. भारत और झारखंड की अर्थव्यवस्था इस वर्ष 4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी. इसके बाद वर्ष 2020-21 में कोरोना की मार झेलनी पड़ी, जिसने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को एक तरह से ध्वस्त कर दिया. उत्पादक और उपभोक्ता के बीच की सप्लाई चेन बाधित हो गयी, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा.
वर्ष 2011-12 में झारखंड की अर्थव्यवस्था 1,50,918 करोड़ रुपये की थी, जो वर्ष 2018-19 (वित्त वर्ष 2019-20) में बढ़कर 2,38,395 करोड़ रुपये की हो गयी. वित्त वर्ष 2020-21 में इसमें 11 हजार करोड़ की कमी आयी और राज्य की अर्थव्यवस्था 2,27,082 करोड़ की रह गयी.
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अगर झारखंड की अर्थव्यवस्था की बात करें, तो साल-दर-साल समान रूप से इसमें कभी वृद्धि नहीं हुई. राज्य की अर्थव्यवस्था में असमान वृद्धि होती रही है. वर्ष 2013-14 में जीडीपी की वृद्धि की रफ्तार 1.6 फीसदी रही, जबकि वर्ष 2014-15 में यह 12.5 फीसदी के शिखर पर पहुंच गयी. इसके बाद के तीन साल यानी वर्ष 2016-17 और वर्ष 2018-19 के बीच राज्य की अर्थव्यवस्था 6.2 फीसदी की दर से बढ़ी. इस दौरान वृद्धि दर सामान्य से ज्यादा भी रही और स्थिर भी.