जमशेदपुर सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 के पेशकार राकेश कुमार पर शुक्रवार की शाम चापड़ से हुए जानलेवा हमला मामले में शनिवार को झारखंड हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. हाइकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए शनिवार को अवकाश के दिन मामले की सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान गृह सचिव अविनाश कुमार व डीजीपी अजय कुमार सिंह उपस्थित रहे. अदालत ने कहा कि राज्य में बार-बार इस तरह की घटना सामने आ रही है.
विशेषकर पूर्वी सिंहभूम, देवघर और धनबाद में हुई घटनाएं गंभीर चिंता पैदा करती हैं. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने प्रद्युम बिष्ट बनाम केंद्र सरकार के मामले में भी फैसला सुनाया है. इसमें ध्यान आकृष्ट कराया गया है कि यदि न्याय के मंदिर जहां न्याय पाने के लिए आनेवाले लोग/वादी सुरक्षित नहीं हो, तो न्याय व्यवस्था पर से लोगों का विश्वास कम हो जायेगा.
अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम के लिए चार सितंबर को हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को उच्चस्तरीय बैठक बुलाने का निर्देश दिया. कहा कि इस बैठक में चीफ जस्टिस की ओर से नामित हाइकोर्ट के दो न्यायाधीश, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी के साथ जिला व पुलिस प्रशासन के वरीय पदाधिकारी शामिल हो कर सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर प्लान तैयार करें. अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए चार सितंबर की तिथि तय की. साथ ही जमशेदपुर के डीसी व एसएसपी को सुनवाई के दौरान वर्चुअली मौजूद रहने का निर्देश दिया.
घटना के संबंध में अदालत को महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया कि शुक्रवार को जमशेदपुर सिविल कोर्ट में शाम 5.45 बजे यह घटना हुई. पेशकार पर हमला करनेवाले आरोपी को पकड़ लिया गया है. आरोपी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है. पूछताछ में पता चला कि उसकी मंशा जेल जाने की थी, इसलिए उसने इस घटना को अंजाम दिया. इस मामले में कहीं कोई बड़ी साजिश की आशंका नहीं है.
सरकार की ओर से बताया कि राज्य के 20 सिविल कोर्ट व चार सब डिवीजनल कोर्ट में 3293 सीसीटीवी कैमरा लगाने का काम चल रहा है. अक्तूबर तक प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. यह भी बताया कि सिविल कोर्ट के अदालतों की सुरक्षा को लेकर हर माह प्रधान जिला न्यायाधीश की अध्यक्षता में समीक्षा होती है. इसमें लिये गये निर्णय व तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है.