रांची : तबलीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिकों को झारखंड हाइकोर्ट से बुधवार (15 जुलाई, 2020) को बड़ी राहत मिली. हाइकोर्ट ने इन सभी विदेशी नागरिकों को जमानत दे दी. तबलीगी जमात से जुड़े सभी लोगों को 10-10 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गयी.
इन लोगों को मार्च, 2020 में राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों पर वीजा नियमों और लॉकडाउन की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप था. जस्टिस रंजन उपाध्याय की बेंच ने इन जमातियों को जमानत दी. इसके पहले सीजीएम और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इनकी जमानत नामंजूर कर दी थी.
हिंदपीढ़ी इलाके की बड़ी मसजिद और मदीना मसजिद से 30 मार्च को गिरफ्तार किये गये इन 17 विदेशियों को होटवार जेल भेज दिया गया था. तबलीगी जमात से जुड़े 9 विदेशी नागरिकों को 12 मई को, तो 8 को 20 मई को जेल भेजा गया था. जेल में सभी को कोरेंटिन वार्ड में रखा गया. कोरेंटिन की अवधि पूरी होने के बाद जांच के उपरांत सभी को जेल के वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया.
ये लोग अलग-अलग देशों से यहां मरकज में शामिल होने के लिए आये थे. जिस वक्त ये लोग यहां पहुंचे थे, झारखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण का कोई मामला नहीं था. राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी में 31 मार्च, 2020 को कोरोना का पहला केस सामने आया था. मलयेशिया की एक महिला, जो तबलीगी जमात से जुड़ी थी, उसमें सबसे पहले कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई थी.
इस मलयेशियाई महिला ने ही हिंदपीढ़ी के कई और लोगों को संक्रमित किया. इसके बाद देखते ही देखते पूरा हिंदपीढ़ी झारखंड में कोरोना वायरस का पहला हॉट स्पॉट बन गया था. बोकारो दूसरा हॉट स्पॉट बना था और वहां भी जो मामले सामने आये थे, वो तबलीगी जमात से ही जुड़े थे. बोकारो की पहली संक्रमित महिला बांग्लादेश के मरकज में भाग लेकर झारखंड लौटी थी. उसकी वजह से बोकारो में कई लोग कोरोना की चपेट में आये.
ज्ञात हो कि रांची की मस्जिद से पुलिस ने जिन 24 मौलवियों को हिरासत में लिया था, वे मलयेशिया, वेस्ट इंडीज, पोलैंड, दिल्ली, हैदराबाद और कुर्ला के रहने वाले थे. 8 लोग मलयेशिया से आये थे. ये सभी कथित धर्म प्रचारक हिंदीपीढ़ी में ग्वाल टोली के समीप स्थित बड़ी मस्जिद में जमात में शामिल होने आये थे. इससे पहले 19 मार्च, 2020 को रांची पुलिस ने तमाड़ से चीन, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान से आये 11 मौलवियों को गिरफ्तार किया था.
Posted By : Mithilesh Jha