Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट ने दुमका में मयूराक्षी नदी पर बने मसानजोर डैम के पानी, निर्मित बिजली और उसके प्रशासनिक नियंत्रण को लेकर दायर पीआइएल पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. साथ ही केंद्र सरकार को भी जवाब दायर करने के लिए कहा. इसके लिए खंडपीठ ने केंद्र को समय प्रदान किया. अगली सुनवाई के लिए तीन सप्ताह के बाद तिथि निर्धारित करने को कहा गया.
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने बताया कि 16650 एकड़ में फैला हुआ यह बांध 155 फीट ऊंचा और 2170 फीट लंबा है. इसका निर्माण 1955 में हुआ था. झारखंड के लोगों को विस्थापित कर इसका निर्माण किया गया है, लेकिन इसका लाभ झारखंड के लोगों को नहीं मिलता है. डैम का प्रशासनिक नियंत्रण पश्चिम बंगाल के पास है और उसे झारखंड को सौंपना चाहिए. बिहार व पश्चिम बंगाल के बीच वर्ष 1978 में एग्रीमेंट हुआ था, जिसके अनुसार मसानजोर डैम से दुमका सहित अन्य जिलों में सिंचाई के लिए पानी दिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. प्रार्थी सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने पीआइएल दायर कर मसानजोर डैम का प्रशासनिक नियंत्रण झारखंड को सौंपने की मांग की है.
हाइकोर्ट ने पूर्वी सिंहभूम में कोरोना काल में 47 अल्ट्रासाउंड क्लिनिकों को दिये गये रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है. साथ ही आयुष्मान के तहत गलत तरीके से 52 अस्पतालों को दी गयी मान्यता पर भी रोक लगा दी. साथ ही प्रतिवादी केंद्र सरकार व तत्कालीन सिविलि सर्जन डॉ महेश्वर प्रसाद को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. मामले में सरकार को जवाब दायर करने का भी निर्देश दिया.
झारखंड हाइकोर्ट में जेट के आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट की खंडपीठ में अपील हो सकती है या नहीं, पर संविधान पीठ ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता में संविधान पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए सभी पक्षों को इससे संबंधित मामले में विभिन्न हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये फैसले की प्रति प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए पीठ ने छह अप्रैल की तिथि निर्धारित की. उस दिन पीठ दोनों पक्षों को सुनेगी.
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रांची. झारखंड हाइकोर्ट राज्य पुलिस व्यवस्था में सुधार को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जवाब मांगा. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ मामले की सुनवाई करते हुए अद्यतन व बिंदुवार जवाब दायर करने का निर्देश दिया.