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झामुमो और कांग्रेस का बाबूलाल मरांडी पर बड़ा आरोप, संताल बिल्डर्स कंपनी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि यह कंपनी 25 नवंबर 2005 को संताल-परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से रजिस्ट्रर्ड हुई थी. जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 011765 है

झामुमो और कांग्रेस ने बाबूलाल मरांडी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उनका काला धन संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में खपता है. झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कंपनी का कागजात मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस कंपनी में तीन निदेशक हैं, जिसमें बाबूलाल मरांडी के दिवंगत भाई छोटू मरांडी के पुत्र रामिया मरांडी निदेशक हैं. दूसरी निदेशक लालिमा तिवारी हैं, जो सुनील तिवारी की पत्नी है. तीसरे निदेशक हैं, मिहिजाम के योगेंद्र तिवारी. यह निदेशक होने के साथ बड़े जमीन ब्रोकर भी हैं.

श्री भट्टाचार्य ने कहा कि यह कंपनी 25 नवंबर 2005 को संताल-परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से रजिस्ट्रर्ड हुई थी. जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 011765. इसका पता है पहला तल्ला, प्लॉट नंबर डी-2 एमआइजी, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, हरमू, रांची, झारखंड-12. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जमीन ब्रोकर योगेंद्र तिवारी के माध्यम से संताल परगना में सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी गयी. इनके पास पूंजी कहां से आयी है.

आज तक स्रोत का पता नहीं चल पाया हैं. सिमडेगा का शराब व्यवसाय इसी संताल-परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर है. रांची शहर में भी जमीन की हेराफेरी की गयी. इडी को इसे संज्ञान में लेना चाहिए. सिर्फ लक्ष्य कर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए. इडी को बताना पड़ेगा कि संताल-परगना बिल्डर्स का स्वामित्व किनके पास है और आज की तिथि में उनके कौन-कौन से डायरेक्टर हैं. उन्होंने कहा कि यदि इडी पता नहीं कर पायेगी, तो हमें बताये हम कागजात लेकर चले जायेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि इस कंपनी में बाबूलाल मरांडी के काले धन को खपाया जाता है. सुप्रियो ने कहा कि बाबूलाल अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए भाजपा की शरण में चले गये. उन्होंने कहा कि गलत काम करनेवाले लोग भाजपा में चले जाते हैं. बाबूलाल भ्रष्टाचार और दुराचार के कुतुबमीनार पर चढ़े हुए थे. इसे छिपाने के लिए भाजपा में चले गये. समय आने पर सारा कारनामा सामने आयेगा. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि इडी जमीन घोटाले की जांच कर रही है और वह निष्पक्ष जांच करना चाहती है, तो अपना दायर बढ़ाये और केंद्र सरकार का टूल बनने से बचे. ऐसा नहीं हुआ, तो छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी इडी का जनप्रतिरोध होगा. आगे हमलोग और कागज और सबूतों के साथ सामने आयेंगे.

छवि खराब करने की सोची-समझी रणनीति :

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, कि अगर मुख्यमंत्री से कुछ पूछना है, तो बहुत सारे माध्यम हैं, जानकारी ली जा सकती थी. मगर सीएम को समन करने का सीधा मतलब सरकार की छवि को देश और मीडिया के समक्ष खराब करना है. श्री भट्टाचार्य और कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि वित्त मंत्री डा रामेश्वर उरांव की छवि खराब करने के लिए इडी की टीम बिना समन और नोटिस के उनके घर घुस गयी. अगर उनके बेटे का कोई संबंध शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी से था और उससे कुछ पूछना था, तो उसके कई तरीके थे. मगर सीधे मंत्री के घर बिना समन के जाना सीधे तौर पर उनकी छवि को खराब करने जैसा था.

बोले सुप्रियो

  • जल्द ही बाबूलाल मरांडी के कारनामों के दस्तावेज इडी को सौंपे जायेंगे, अगर कारवाई नहीं हुई तो छत्तीसगढ़ की तर्ज पर झारखंड में भी होगा इडी का विरोध

  • भाजपा के शासनकाल के काले कारनामों को हमारी सरकार के साथ जोड़कर सरकार की छवि खराब करने का हो रहा है प्रयास

  • वित्त मंत्री डाॅ रामेश्वर उरांव की छवि को खराब करने के लिए उनके घर की गयी छापेमारी

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