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Jharkhand News : खत्म हुआ 12 दिनों से जारी सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन, जानिये कब क्या-क्या हुआ !

सरकार की ओर से दो साल का अवधि विस्तार देने की घोषणा के बाद स्थायीकरण की मांग पर 12 दिनों से रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मियों ने बुधवार शाम आंदोलन समाप्त कर दिया.

रांची : सरकार की ओर से दो साल का अवधि विस्तार देने की घोषणा के बाद स्थायीकरण की मांग पर 12 दिनों से रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे सहायक पुलिसकर्मियों ने बुधवार शाम आंदोलन समाप्त कर दिया. बुधवार को पेयजल व स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर के साथ चली लंबी वार्ता के बाद सहायक पुलिसकर्मियों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की. मंत्री ने कहा कि आप लोगों को सरकार की ओर से दो साल का अवधि विस्तार प्रदान किया गया है. वहीं मानदेय में वृद्धि और पुलिस नियुक्ति में प्राथमिकता दी जायेगी.

साथ ही पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है, जो वेतन वृद्धि समेत अन्य मांगों पर निर्णय लेगी. कमेटी में चार आइएएस और एक डीजीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. कमेटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. इधर, सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा कि फिलहाल, कोरोना काल को देखते हुए हमने सरकार की बात मान ली है. यदि 15 दिन के भीतर हमारे हक में सम्मानजनक निर्णय नहीं होता है, तो हम दोबारा आंदोलन करेंगे.

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गौरतलब है कि स्थायीकरण की मांग को लेकर 12 जिलों के 2350 सहायक पुलिसकर्मी 12 सितंबर से ही राजधानी के मोरहाबादी मैदान में आंदोलन कर रहे थे. बुधवार को मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इन्हें वार्ता के लिए बुलावा भेजा. दिन के 11:00 बजे सहायक पुलिसकर्मियों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए मंत्री के आवास पहुंचा. यहां करीब 3:30 बजे तक मंत्री और प्रतिनिधिमंडल की बीच बातचीत हुई. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल को अपने आवास में बैठा कर मंत्री श्री ठाकुर मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर चले गये. वहां से वे 4:30 अपने आवास लौटे और प्रतिनिधिमंडल को सरकार के निर्णय से अवगत कराया.

अपने-अपने जिलों को लौटे सहायक पुलिसकर्मी, नहीं करायी कोरोना जांच

मंत्री से वार्ता के बाद मोरहाबादी मैदान लौटे प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारियों को सरकार के निर्णय की जानकारी दी और आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की. इसके बाद सभी महिला व पुरुष सहायक पुलिसकर्मी बसों में सवार होकर अपने-अपने जिलों को लौट गये. इससे पहले सदर अस्पताल की मेडिकल टीम सहायक पुलिसकर्मियों की कोरोना जांच के लिए मोरहाबादी मैदान पहुंची थी, लेकिन उन्होंने जांच कराने से इनकार कर दिया. उनका कहना था कि अब वे लोग अपने जिले में ही कोरोना जांच करायेंगे.

कब क्या हुआ

  • 11 सितंबर की रात 12 जिलों के 2350 सहायक पुलिसकर्मी राजभवन के समक्ष धरना देने के लिए रांची पहुंचे.

  • 12 सितंबर को इन लोगों ने राजभवन के समक्ष धरने पर बैठने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें वहां से हटा दिया गया, इसके बाद ये लोग मोरहाबादी मैदान में पहुंचे और धरना पर बैठ गये.

  • 12 सितंबर को ही डीआइजी स्तर के अधिकारी से इनकी वार्ता हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला

  • 13 सितंबर को सहायक पुलिसकर्मियों से सीएमओ स्तर की वार्ता हुई, पर यह वार्ता भी बेनतीजा रही

  • 18 सितंबर को सहायक पुलिसकर्मी राजभवन व मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले, उस दौरान पुलिस के साथ इनकी झड़प हुई, लाठी चार्ज हुआ व आंसू गैस के गोले छोड़े गये, इन्होंने भी पुलिस पर पथराव किया, दोनों ओर से कई लोग घायल हुए

  • 19 सितंबर की शाम वार्ता के लिए मोरहाबादी मैदान पहुंचे थे मंत्री मिथिलेश ठाकुर, वार्ता बेनतीजा

  • 20 सितंबर को मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने इनसे पांच घंटे वार्ता की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला

  • 23 सितंबर को मंत्री मिथिलेश ठाकुर से दोबारा वार्ता हुई, जिसके बाद आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया

इन बातों पर बनी सहमति

  • दो साल का अवधि विस्तार

  • मानदेय में की जायेगी वृद्धि

पुलिस नियुक्ति में प्राथमिकता (अतिरिक्त अंक) दी जायेगी : पूर्व की सरकार ने इनके साथ नाइंसाफी की थी. इनसे बांड भरवाया गया था. इनको आवाज उठाने की भी मनाही थी. सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जनहितवाली संवेदनशील सरकार चल रही है. इन्हें अवधि विस्तार दिया गया है. कमेटी बनी है. इनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार होगा.

मिथिलेश ठाकुर, पेयजल व स्वच्छता मंत्री

Post by : Pritish Sahay

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