Jharkhand News, रांची न्यूज : झारखंड के अधिकारियों की प्रोन्नति (प्रमोशन) का पेच सुलझाने के लिए गठित की गयी उच्चस्तरीय कमेटी ने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है. अपर मुख्य सचिव एल खियांग्ते की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद अधिकारियों की प्रोन्नति पर फैसला लिया जा सकेगा. राज्य प्रशासनिक सेवा के 120 अधिकारी एक दशक से अधिक समय से प्रोन्नति के इंतजार में हैं. उनको प्रोन्नति नहीं दिये जाने की वजह से राज्य में एसडीओ रैंक के 200 पद खाली हैं. ज्यादातर जगहों पर प्रभार के जरिये काम चलाया जा रहा है.
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एसटी-एससी के प्रमोशन में आरक्षण देने के नियम में सुधार करने के लिए राज्य में अब तक दी गयी प्रोन्नति के अध्ययन के लिए श्री खियांग्ते की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गयी है. कमेटी वर्ष 2000 से अब तक दी गयी प्रोन्नति की समीक्षा कर सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी वर्ग के पर्याप्त प्रतिनिधित्व का अध्यन कर रिपोर्ट देगी. रिपोर्ट के आधार पर प्रमोशन में आरक्षण बरकरार रखने पर निर्णय लिया जायेगा. कमेटी एसटी, एससी कर्मियों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन व क्रीमीलेयर को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ देने पर विचार करेगी.
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी 12 वर्षों से बेसिक ग्रेड पर ही काम कर रहे हैं, जबकि अनुमंडल पदाधिकारी रैंक में प्रोन्नति के लिए अनिवार्य सेवा पांच वर्ष की सेवा अनिवार्य है. आपको बता दें कि वर्ष 2020 में एससी-एसटी अधिकारियों को गलत तरीके से प्रोन्नति देने से संबंधित मामलों के सामने आने पर राज्य सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की प्रोन्नति पर रोक लगा दी थी. मामले में विधानसभा समिति भी गठित की गयी थी. कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है.
Posted By : Guru Swarup Mishra