रांची: रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती चारा घाेटाला के सजायाफ्ता लालू यादव कोरोना संक्रमण के कारण अपने कमरे से नहीं निकल रहे हैं. उनका इलाज कर रहे डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि लालू प्रसाद ने टहलना बंद कर दिया है, खाने में उनकी रुचि भी कम हो गयी है इसलिए उनका डायट भी पहले से कम हो गया है. कोरोना के बढ़ते संकट को देखते हुए उनको एहतियात बरतने को कहा गया है. समस्या होने पर उनका इलाज भी किया जाता है. उनके सेवादार को भी कमरे से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है. गौरतलब है कि लालू प्रसाद पिछले एक महीने से लॉकडाउन के कारण अपने कमरे में हैं. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को डॉक्टरों ने कोरोना से बचाव के मद्देनजर उन्हें हमेशा हाथ धोने और सेनेटाइजर का उपयोग करने को भी कहा गया है.
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रिम्स का स्त्री एवं प्रसूति विभाग पूरी तरह बंद
वहीं रिम्स का स्त्री एवं प्रसूति विभाग पूरी तरह बंद हो गया है. स्त्री विभाग ने रिम्स प्रबंधन को पत्र लिखकर स्पष्ट कह दिया है कि सभी डॉक्टर व कर्मी कोरोना जांच और 14 दिन तक आइसोलेशन में रहने के बाद ही सेवा देंगी. विभागाध्यक्ष डॉ अनुभा विद्यार्थी ने कहा है कि कोरोना पॉजिटिव दो महिलाओं का प्रसव कराया गया है, जिनके संपर्क में अधिकांश डॉक्टर, नर्स और पारा मेडिकल स्टाफ आ गयी हैं. कोरोना की जांच कराने और आइसोलेशन में जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
स्वास्थ्य विभाग को दी गयी जानकारी
सूत्रों की मानें तो टास्क फोर्स से विभाग की डॉक्टरों ने संदिग्ध गर्भवती महिलाओं के लिए अलग लेबर रूम तैयार करने का आग्रह किया था, लेकिन समय रहते अनुमति नहीं मिल पायी. रिम्स में स्त्री एवं प्रसूति विभाग के बंद होने की जानकारी रिम्स निदेशक डॉ दिनेश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को दे दी है. विभाग काे बताया गया है कि स्त्री विभाग की सीनियर,जूनियर डॉक्टर और नर्स शनिवार से क्वारेंटाइन पर चली गयी हैं. ऐसे में विभाग को संचालित नहीं किया जा रहा है.
केंद्र ने झारखंड के भेजे तीन हजार पीपीइ किट
इधर केंद्र सरकार ने झारखंड के लिए तीन हजार पीपीइ किट भेजे हैं. साथ ही कोरोना जांच के लिए पीसीआर और आरएनए किट भी भेज गये हैं. एनएचएम के एमडी डॉ शैलेश चौरसिया ने बताया कि केंद्र सरकार के कार्गो विमान से सामान आये हैं. अभी पैकेट खोला नहीं गया है. इसलिए संख्या बताना मुश्किल है कि कितनी मात्रा में सामान आये हैं. फिलहाल झारखंड में कोरना जांच के लिए समुचित मात्रा में किट उपलब्ध है. जैसे-जैसे खपत होती जाती है, वैसे-वैसे आइसीएमआर राज्यों की मांग के मुताबिक सामान भेजता है.