राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शिक्षा नीति के तहत कक्षा दो तक पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम तैयार हो गया है. जबकि कक्षा तीन से 12वीं तक का पाठ्यक्रम इस वर्ष के अंत तक तैयार हो जायेगा. केंद्र सरकार की ओर से पांच वर्ष तक की पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय स्तर पर करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया गया था. इसके लिए सभी राज्यों से जानकारी मांगी गयी थी. राज्यों द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गयी थी. अब उसी आधार पर राज्य की ओर से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. पाठ्यक्रम राज्य सरकार की सहमति के लिए भेजा जायेगा.
12वीं तक के पाठ्यक्रम के लिए भेजा निर्देश
केंद्र सरकार द्वारा कक्षा तीन से 12वीं तक के पाठ्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार कर ली गयी है. सभी राज्यों को पाठ्यक्रम भेजा गया है. अब राज्यों द्वारा 12वीं तक का पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा. राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बोर्ड परीक्षा लेने पर निर्णय पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद लिया जायेगा. शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम लागू होने बाद कक्षा नौवीं से 12वीं तक की परीक्षा पर नया प्रावधान लागू होगा. इसके तहत कक्षा 12वीं में ही बोर्ड परीक्षा का प्रावधान है.
मातृभाषा में भी किताब का अनुवाद
स्कूलों में बच्चों को मातृभाषा में किताब उपलब्ध कराने की तैयारी भी पूरी कर ली गयी है. जेसीइआरटी द्वारा सभी किताबों का अनुवाद संबंधित भाषा में किया गया है. इसके तहत साइंस, गणित, सामाजिक अध्ययन समेत अन्य विषयों के किताब का अनुवाद किया गया है. कक्षा पांच तक की किताब का अनुवाद पांच जनजातीय भाषा में किया गया है. एक पेज पर जनजातीय भाषा में, दूसरे पर हिंदी में किताब की छपाई होगी. किताब संताली, कुड़ुख, हो, मुंडारी व खड़िया में छपाई जायेगी. कक्षा पांच तक की पढ़ाई मातृभाषा में देने की बात कही गयी है.
63 संदर्भ पुस्तक भी तैयार
शिक्षा नीति में पढ़ाई में कंसेप्ट क्लियर पर विशेष ध्यान दिया गया है. इसके लिए मूल किताब से अलग संदर्भ पुस्तक तैयार किया गया है. कुल 63 किताब तैयार किया गया है.
17 हजार क्लास संचालन का ई कंटेट तैयार
डिजिटल एजुकेशन को भी बढ़ावा देने की बात कही गयी है. इसके लिए 17 हजार कक्षाओं का ई कंटेंट तैयार किया गया है.
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