National Energy Conservation Day 2021: आज राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस है. आप एक यूनिट बिजली की खपत कम करते हैं, तो झारखंड में 0.82 केजी कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम कर सकते हैं. यदि एसी का तापमान एक डिग्री बढ़ाते हैं, तो छह प्रतिशत बिजली बिल बचा सकते हैं. इसी तरह एसी का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस की जगह 24 डिग्री सेल्सियस पर रखते हैं, तो बिजली बिल में 36 प्रतिशत तक की बचत कर सकते हैं. इससे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा सकता है. आपको बता दें कि झारखंड में बिजली की खपत 10 वर्षों में दोगुनी से भी अधिक हो गयी है.
राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस का उद्देश्य बिजली बचत के लिए लोगों को प्रेरित करना है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत गठित ऊर्जा दक्षता ब्यूरो(बीईई) 1991 से 14 दिसंबर को सालाना राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह का नेतृत्व कर रहा है. समिति ने वर्ष 2001 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम को भी क्रियान्वित किया है. झारखंड में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की नोडल एजेंसी जेरेडा है.
झारखंड में बिजली की मांग दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. स्थिति यह है कि बिजली की खपत 10 वर्षों में दोगुनी से भी अधिक हो गयी है. वर्ष 2009-10 में जहां बिजली की खपत 5407 मिलियन यूनिट थी. वहीं 2019-20 में बढ़कर 12878.13 मिलियन यूनिट हो गयी है. जबकि वर्ष 2019-20 में मांग 12803.35 मिलियन यूनिट की थी. यानी 74.68 मिलियन यूनिट की अभी भी कमी बरकरार है.
झारखंड में ऊर्जा की खपत
क्षेत्र खपत प्रतिशत
घरेलू 5664.427 60.48
कॉमर्शियल 877.469 26.11
उद्योग 2445.637 9.37
कृषि 193.905 2.07
रेलवे 138.086 1.47
पब्लिक सेवा 45.959 0.50
घर में अपने दिन-प्रतिदिन के व्यवहार में बदलाव लायें. स्मार्ट पावर स्ट्रिप्स यानी वैसे उपकरणों का इस्तेमाल करें, जिससे बिजली कम खपत होती है. ऊर्जा कुशल खिड़कियां लगायें ताकि दिन में कमरे में प्राकृतिक रोशनी पर्याप्त रूप से रहें. इसे अपनाकर बिजली की खपत कम कर सकते हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra