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झारखंड के 925 स्कूलों में नहीं है शौचालय की सुविधा, बच्चों को होना पड़ रहा परेशान

झारखंड के 3680 सरकारी विद्यालयों में शौचालय की सुविधा नहीं है. इनमें से 925 विद्यालय ऐसे हैं, जहां शौचालय है ही नहीं, जबकि 2758 ऐसे विद्यालय हैं, जहां शौचालय तो बनाया गया था, पर यह उपयोग के लायक नहीं है.

स्वच्छता अभियान को लेकर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. झारखंड के 3680 सरकारी विद्यालयों में शौचालय की सुविधा नहीं है. इनमें से 925 विद्यालय ऐसे हैं, जहां शौचालय है ही नहीं, जबकि 2758 ऐसे विद्यालय हैं, जहां शौचालय तो बनाया गया था, पर यह उपयोग के लायक नहीं है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार राज्य के 314 विद्यालय में लड़की व 611 विद्यालय में लड़कों के लिए शौचालय नहीं हैं. इन विद्यालयों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है. वहीं 1171 विद्यालय में लड़कियों व 1557 विद्यालय में लड़कों के लिए बना शौचालय उपयोग के लायक नहीं है.

पेयजल की भी सुविधा नहीं

शौचालय के साथ-साथ विद्यालयों में पेयजल की भी सुविधा नहीं है. राज्य के कुल 656 विद्यालय में पेयजल की सुविधा नहीं है. साहिबगंज में सबसे अधिक 137 ऐसे विद्यालय हैं, जहां पेयजल की सुविधा नहीं है. गोड्डा में 102, पश्चिमी सिंहभूम में 69, दुमका में 55 विद्यालय में पेयजल की सुविधा नहीं है. इन विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने में भी परोशानी होती है. मध्याह्न भोजन बनाने के लिए पानी बाहर से लाना पड़ता है.

विद्यालयों को प्रति वर्ष दी जाती है राशि

राज्य के सरकारी विद्यालयों को प्रति वर्ष अनुदान दिया जाता है. विद्यालयों को विद्यार्थियों की संख्या के अनुरूप अधिकतम एक लाख रुपये तक अनुदान दिया जाता है. स्कूलों को इस राशि से आवश्यकता अनुरूप पेयजल, शौचालय मरम्मत, विद्यालय के रंग-रोगंन करने को कहा जाता है.

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