रांची: प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने शुक्रवार दोपहर रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापामारी शुरू की. ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देकर बताया था कि जेल में बंद प्रेम प्रकाश व अन्य अभियुक्त, जेल के अधिकारी और राज्य के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ईडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रच रहे हैं. ईडी ने जेल में छापेमारी के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी. कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ईडी के अधिकारियों की टीम शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे केंद्रीय कारा पहुंची और प्रेम प्रकाश सहित उससे संबंधित लोगों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू की. छापेमारी के दौरान प्रेम प्रकाश के अलावा जेल अधिकारियों से संबंधित सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है. ईडी की टीम ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी जब्त किये हैं.
झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश
मनी लाउंड्रिंग के अभियुक्तों की निगरानी के दौरान ईडी के अधिकारियों ने यह पाया कि प्रेम प्रकाश राज्य के अधिकारियों के साथ मिल कर ईडी के अफसरों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रच रहा है. इसके लिए उसने कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बात की है. ईडी ने जिन मामलों के आधार पर इसीआइआर दर्ज कर मनी लाउंड्रिंग के आरोपों की जांच की और वरीय अधिकारियों के अलावा दूसरे प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार किया, उसे बरहरवा कांड की तर्ज पर समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. इसका उद्देश्य मनी लाउंड्रिंग के मामलों को ट्रायल के दौरान प्रभावित करना है. धुर्वा थाने में इडी के गवाहों और इडी के अधिकारियों के झूठे मुकदमे में फंसाने की कोशिश करना इस साजिश का एक छोटा उदाहरण है. जेल में रची जा रही इस साजिश में जेल के अधिकारियों द्वारा अभियुक्तों को इधर-उधर संपर्क करने के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं. छापामारी के दौरान इडी की टीम प्रेम प्रकाश और उसके सहयोगियों के अलावा जेल अधिकारियों के संबंधित सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है. सूत्रों के अनुसार इडी ने छापामारी के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज जब्त किये हैं.
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पहले भी ईडी की टीम ने की थी छापेमारी
इससे पहले भी इडी ने कोर्ट के आदेश के आलोक में केंद्रीय कारा में छापा मारा था. उस दौरान जेल में रात के वक्त प्रेम प्रकाश और निलंबित आइएएस छवि रंजन की मुलाकात की पुष्टि हुई थी. हालांकि, पूछताछ के दौरान दोनों एक-दूसरे को जानने भी इनकार कर रहे थे. जेल अधीक्षक ने पहले इस मुलाकात को वैध बताया था. हालांकि, पूछताछ के दौरान वह जेल मैनुअल के प्रावधानों के आलोक में प्रेम प्रकाश और छवि रंजन की मुलाकात को वैध साबित नहीं कर सके.
जेल प्रशासन ने नहीं दिया था सीसीटीवी फुटेज
ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के अभियुक्तों को जेल में सुविधा देने सहित अन्य कारणों को देखते हुए जेल से सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी. इस पर जेल अधिकारियों और इडी के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हुई थी. इडी द्वारा फुटेज मांगे जाने के बाद जेल अधीक्षक ने पीएमएलए कोर्ट में इसे जेल की सुरक्षा और कैदियों की निजता के नाम पर देने से इंकार कर दिया था. लेकिन, कोर्ट ने फुटेज देने का आदेश दिया था. कोर्ट के आदेश के बाद जेल अधीक्षक ने हाइकोर्ट में अपील की थी. हालांकि, बाद में उन्होंने उसे वापस ले लिया और इडी को सीसीटीवी फुटेज सौंपा, लेकिन वे आधे-अधूरे थे. इस मामले में जेल की ओर से जगह की कमी की वजह से फुटेज के स्वतः डिलीट हो जाने की दलील दी गयी थी.