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Ram Navami Mangalwar 2023: रांची में पहला मंगलवारी जुलूस 14 मार्च को, रामनवमी का पर्व 30 मार्च को

Ram Navami Mangalwar 2023| जिस दिन मध्याह्न काल में नवमी तिथि मिलती है, उसी दिन रामनवमी मनायी जाती है. 30 मार्च को रात 11.31 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र और रात 1.42 बजे तक अतिगण्ड योग रहेगा. इसके अलावा सिद्धि योगा मिल रहा है. इस कारण से यह तिथि काफी शुभ मानी जा रही है.

रांची, राजकुमार. झारखंड की राजधानी रांची में रामनवमी और चैती दुर्गापूजा की तैयारी शुरू हो गयी है. रामनवमी का पहला मंगलवारी जुलूस 14 मार्च को निकलेगा. इसके बाद 21 मार्च को दूसरा, 28 को तीसरा और अंतिम मंगलवारी जुलूस निकलेगा. 29 मार्च को महाअष्टमी है. इस दिन मंगल आरती होगी और झांकी निकाली जायेगी. 30 मार्च को रामनवमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जायेगा.

30 मार्च को निकलेगी भव्य शोभायात्रा

इस दिन रात 11:53 बजे तक नवमी तिथि मिल रही है. जिस दिन मध्याह्न काल में नवमी तिथि मिलती है, उसी दिन रामनवमी मनायी जाती है. 30 मार्च को रात 11.31 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र और रात 1:42 बजे तक अतिगण्ड योग रहेगा. इसके अलावा सिद्धि योगा मिल रहा है. इस कारण से यह तिथि काफी शुभ मानी जा रही है. 30 मार्च को ही रामनवमी की भव्य शोभायात्रा निकाली जायेगी.

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22 मार्च से विक्रम संवत और वासंतिक नवरात्र

विक्रम संवत-2080 भी 22 मार्च से शुरू हो जायेगा. साथ ही वर्ष प्रतिपदा की शुरुआत होगी. पंडित कौशल कुमार मिश्र ने कहा कि 22 मार्च को नया साल शुरू हो रहा है. इस दिन गंगा सहित अन्य सहायक नदियों में स्नान, नया वस्त्र पहनने, घरों में नया झंडा लगाने, पंचांग पूजन और श्रवण, दान का महत्व है. कृषि कार्य शुरू करने का भी विधान है. साथ ही गुड़ी पड़वा, सिंधी नववर्ष, तमिल नववर्ष भी शुरू होगा.

सुबह में होगी कलश स्थापना

वासंतिक नवरात्र भी 22 मार्च से शुरू हो जायेगा. रात 9:24 बजे तक प्रतिपदा होने के कारण भक्तों को कलश स्थापना का काफी समय मिलेगा. प्रात:काल में देवी पूजन का काफी महत्व है. 23 मार्च को द्वितीया, 24 को तुतीया, 25 को चतुर्थी, 26 को पंचमी, 27 को बेलवरण, 28 को महासप्तमी, 29 को महाअष्टमी, 30 को महानवमी और 31 मार्च को दशमी है. बांग्ला पंचांग के अनुसार माता का आगमन घोड़ा और गमन डोली पर हो रहा है, जिसका फल शुभ नहीं है. हालांकि कोई भी तिथि क्षय नहीं है, जिस कारण इसे शुभ माना जा रहा है.

25 मार्च से चैती छठ महापर्व

25 मार्च से चैती छठ शुरू हो जायेगा. इस दिन नहाय-खाय है. 26 मार्च को खरना, 27 मार्च को संध्याकालीन अर्घ और 28 मार्च को प्रात:कालीन अर्घ है. इसी के साथ चैती छठ का समापन हो जायेगा. पांच अप्रैल को व्रत पूर्णिमा और छह अप्रैल को स्नान दान की पूर्णिमा है.

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