Jharkhand News: एक कंपनी से जुड़े विवाद मामले में रामगढ़ की विधायक ममता देवी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गयी है. हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने उनकी ओर से दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के आदेश को खारिज कर दिया. इसके साथ ही उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को भी निरस्त कर दिया. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि निचली अदालत द्वारा एक ही दिन में आवेदन खारिज कर गिरफ्तारी वारंट सहित अन्य आदेश देने को उचित नहीं कहा जा सकता है.
निचली अदालत में तय तारीख पर बयान कराएं दर्ज
हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने कहा कि यदि प्रार्थी निर्धारित तिथि को बयान दर्ज कराने उपस्थित नहीं हो सकी थीं, तो उन्हें उपस्थित होने के लिए कोई दूसरी तिथि देनी चाहिए थी. अदालत ने ममता देवी को निर्देश दिया कि दो नवंबर से पहले अथवा सीआरपीसी की धारा-313 के तहत जब निचली अदालत बयान दर्ज करने की तिथि तय करती है, तो वह अपना बयान दर्ज करायें.
स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुई थीं उपस्थित
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता एके कश्यप ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि रामगढ़ की निचली अदालत ने सीआरपीसी की धारा-313 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए तिथि निर्धारित की थी. वह स्वास्थ्य कारणों से उपस्थित नहीं हो पायी थी. उन्होंने अपना आवेदन अदालत में दायर किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था. उनका बेल बॉन्ड रद्द करते हुए उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया था. बेलर को नोटिस जारी किया. मामले में विधानसभाध्यक्ष को भी सूचित किया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ममता देवी ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची