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तो क्या रांची HEC का भी हो जाएगा निजीकरण ? जल्द तय होगा भविष्य, नीति आयोग करेगी समीक्षा

रांची एचइसी का भविष्य जल्द तय हो जाएगा. नीति आयोग इसकी समीक्षा करेगा जिसमें ये निर्णय लिया जाएगा कि इसका निजीकरण करना है या फिर बंद करना है.

रांची : भारी उद्योग मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि नीति आयोग के सीइओ अमिताभकांत की अगुआई में अधिकारियों की कमेटी बनायी गयी है. यह कमेटी उन सभी नॉन स्ट्रैटेजिक सेक्टर की कंपनियों की पहचान करेगी, जिन्हें आगे चलाने को लेकर फैसले लिये जायेंगे. उक्त कमेटी हर बिंदु पर कंपनियों की समीक्षा करेगी. इसमें कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसे बंद करने अथवा उसका निजीकरण करने के कारण तलाशे जायेंगे. जिन कंपनियों की समीक्षा इस कमेटी को करनी है, उसमें एचइसी भी शामिल है.

पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘पीएसयू निजीकरण पॉलिसी’ की घोषणा की थी. इसके तहत नीति आयोग की टीम पीएसयू कंपनियों की समीक्षा कर रही है. कंपनियों का अध्ययन करने के बाद सिफारिश के साथ एक सूची केंद्रीय कैबिनेट को भेजी जायेगी. वहां से मंजूरी मिलने के बाद सरकार आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी. नीति आयोग की इसी समीक्षा पर एचइसी का भविष्य तय होना है. यह तय होगा कि एचइसी चलेगा, इसमें विनिवेश होगा या इसे बंद कर दिया जायेगा.

घाटे में है एचइसी :

एक अधिकारी ने बताया कि एचइसी पिछले पांच वर्षों से घाटे में चल रहा है. कंपनी के पास कार्यादेश तो है, लेकिन कार्यशील पूंजी का अभाव है और मशीनें भी पुरानी हैं. एचइसी ने ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ में बड़े-बड़े उपकरणों का निर्माण किया है. वर्तमान में भी एचइसी के पास इसरो, आकांक्षा, डिफेंस, स्टील सेक्टर से कार्यादेश हैं.

पिछले छह वर्षों में प्रदर्शन

2015-16 144.77 करोड़ का घाटा

2016-17 82.27 करोड़ का घाटा

2017-18 446 करोड़ का लाभ

2018-19 93 करोड़ का घाटा

2019-20 405.37 करोड़ का घाटा

2020-21 190 करोड़ का घाटा

Posted By : Sameer Oraon

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