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रांची विवि के वित्त पदाधिकारी 109.50 करोड़ निकासी में दोषी, रिपोर्ट में इन तथ्यों का किया है उल्लेख

रांची विवि के वित्त पदाधिकारी को ट्रेजरी से 109.50 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में दोषी पाया गया है. पूर्ण लॉकडाउन अवधि में हुई इस निकासी के सिलसिले में ट्रेजरी की भूमिका को संदेहास्पद माना गया है.

शकील अख्तर, रांची : रांची विवि के वित्त पदाधिकारी को ट्रेजरी से 109.50 करोड़ रुपये की निकासी के मामले में दोषी पाया गया है. पूर्ण लॉकडाउन अवधि में हुई इस निकासी के सिलसिले में ट्रेजरी की भूमिका को संदेहास्पद माना गया है. साथ ही 109.50 करोड़ में से बची हुई राशि को तत्काल ट्रेजरी में जमा करने की अनुशंसा की गयी है. राज्य सरकार द्वारा निकासी के लिए गठित जांच समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट में इन तथ्यों का उल्लेख किया है.

सरकार को सौंपी जांच समिति की रिपोर्ट में क्या है

जांच समिति की रिपोर्ट में है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आलोक में सभी विश्वविद्यालयों से अनुमानित खर्च का ब्योरा मांगा गया था. इसके आलोक में विश्वविद्यालयों द्वारा जनवरी 2016 में भरे गये स्वीकृत पदों पर कार्यरत शिक्षकों और पदाधिकारियों की संख्या व उन पर अनुमानित खर्च का ब्योरा सरकार को भेजना था. रांची विश्वविद्यालय ने इस मद में 99.60 करोड़ रुपये की मांग की. इसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के 101 शिक्षकों और पदाधिकारियों पर अनुमानित खर्च भी शामिल था.

वहीं, श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि ने भी 9.90 करोड़ रुपये की मांग की. राज्य सरकार ने इन मांगों पर विचार करने के बाद 27 जून 2019 को 109.50 करोड़ रुपये की राशि रांची विवि को आवंटित कर दी. यानी श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के लिए दोहरी राशि आवंटित कर दी गयी. सरकार ने सशर्त खर्च की अनुमति देते हुए रांची विवि को निर्देश दिया कि वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के नाम पर आवंटित राशि निकासी कर उसे हस्तांतरित कर दे.

27 मार्च को राशि निकालने का दिया आदेश

रिपोर्ट में कहा गया है कि रांची विवि के वित्त पदाधिकारी ने 27 मार्च 2020 को अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वह 109.50 करोड़ की पूरी राशि एकमुश्त निकालने का प्रस्ताव दें. उन्होंने यह आदेश देश में लागू पूर्ण लॉकडाउन अवधि में दिया. इसके बाद ट्रेजरी से 109.50 करोड़ रुपये की निकासी कर विश्वविद्यालय के खाते में रख दिये गये. रांची विवि ने राज्य सरकार के आदेश के आलोक में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि को 9.90 करोड़ रुपये दे दिये.

चूंकि रांची विवि द्वारा की गयी 99.60 करोड़ रुपये की मांग में भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के 101 शिक्षकों व पदाधिकारियों के लिए अनुमानित 9.90 करोड़ रुपये के खर्च को शामिल किया गया था. इसलिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के नाम पर दोगुनी राशि आवंटित कर दी गयी. इस बात की जानकारी होने के बाद भी रांची विवि के वित्त पदाधिकारी ने पूरी राशि की निकासी कर ली. रांची विवि द्वारा की गयी निकासी में से 32.52 करोड़ रुपये शिक्षकों के खाते में ट्रांसफर कर दिये गये.

  • पूर्ण लॉकडाउन की अवधि में वित्त पदाधिकारी ने दिया राशि िनकासी का आदेश

  • रांची विवि द्वारा की गयी 99.60 करोड़ की मांग में श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि का भी पैसा था

  • 109.50 करोड़ राशि निकालने से श्याम प्रसाद मुखर्जी विवि के नाम पर दोगुनी निकासी हुई

वास्तविक खर्च के ब्योरे के बिना ही निकासी

सरकार को सौंपी गयी जांच रिपोर्ट में इसका बात भी उल्लेख किया गया है कि रांची विश्वविद्यालय द्वारा 1013 शिक्षकों और पदाधिकारियों के लिए सरकार से की गयी पैसों की मांग विभागों और महाविद्यालयों की मांग पर आधारित नहीं थी. विश्वविद्यालय के पास अब तक इस बात का सही ब्योरा उपलब्ध नहीं है कि सातवें यूजीसी पुनरीक्षित वेतनमान के बकाये पर कितना खर्च होगा? नियमानुसार ट्रेजरी से राशि निकासी के लिए वास्तविक खर्च के ब्योरे की जरूरत होती है. लेकिन, विश्वविद्यालय ने वास्तविक खर्च के ब्योरे के बिना ही ट्रेजरी से राशि की निकासी कर ली.

Post by : Pritish Sahay

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