शकील अख्तर/आनंद मोहन, रांची : राज्य वन सेवा के अधिकारी शंभु प्रसाद ने खुद को डीएफओ के रूप में पदस्थापित करने के लिए मंत्री को सीधे पत्र लिखा है. दूसरे ही दिन इस अधिकारी ने बिपिन सिंह नाम के दलाल को मनपसंद पद पर पोस्टिंग कराने के लिए बतौर एडवांस 10 लाख रुपये का चेक दिया है. अफसर के इस कारनामे के सिलसिले में वन सचिव, पीसीसीएफ सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत की गयी है.
शिकायती पत्र के साथ चेक की फोटो कॉपी सहित अन्य दस्तावेज भी दिये गये हैं. पोस्टिंग के लिए पत्र लिखने के मामले में सरकार के स्तर पर फिलहाल जांच चल रही है. राज्य वन सेवा के अधिकारी शंभु प्रसाद फिलहाल झारखंड स्टेट फॉरेस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन में उप निदेशक (विपणन) के पद पर पदस्थापित हैं.
उन्होंने फाॅरेस्ट कॉरपोरेशन के लेटर हेड पर ही वन मंत्री को पत्र लिखा है. 20 मई 2020 को लिखे गये इस पत्र में खुद को प्रादेशिक प्रमंडलों में रिक्त पड़े वन प्रमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित करने का अनुरोध किया है.
मंत्री को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि वह 1990 बैच के राज्य वन सेवा के अधिकारी हैं. वह अधिकांशत: प्रादेशिक वन प्रमंडलों में ही पदस्थापित रहे हैं. 20 जुलाई 2015 को अधिसूचना जारी कर कॉरपोरेशन में पदस्थापित किया गया था.मालूम हो कि तीन साल के बाद अधिकारियों के तबादले का प्रावधान है.
वह कहते हैं : प्रादेशिक प्रमंडलों में वनों की सुरक्षा आदि की पूरी जानकारी है. इसलिए उन्हें प्रादेशिक प्रमंडलों में रिक्त पड़े वन प्रमंडल पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित किया जाये. हालांकि, नियमानुसार कोई अधिकारी अपने ही ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए सीधे तौर पर मंत्री को पत्र नहीं लिख सकता है.
राज्य वन सेवा के अधिकारी शंभु प्रसाद खुद के लिए चाहते हैं डीएफओ की पोस्टिंग
वन सचिव, पीसीसीएफ सहित अन्य अधिकारियों तक पहुंची शिकायत
नियमानुसार कोई अधिकारी अपने ही ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए सीधे मंत्री को नहीं लिख सकता पत्र
ज्वाइंट अकाउंट से कटा है चेक, जिसमें हजार रुपये भी नहीं : विभाग को मिले शिकायत पत्र में कहा गया है कि डीएफओ के रूप में पोस्टिंग के लिए मंत्री को पत्र लिखने के बाद इस अधिकारी ने बिपिन कुमार सिंह नामक दलाल से संपर्क किया और पोस्टिंग के बदले 20 लाख रुपये देने की पेशकश की. साथ ही बतौर अग्रिम 21 मई 2020 को डोरंडा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट से बतौर अग्रिम 10 लाख रुपये का चेक उसे दिया.
जिस अकाउंट से चेक दिया गया है, वह शंभु कुमार, उर्मिला देवी और कुंदन कुमार के नाम से ज्वाइंट अकाउंट है. दलाल बिपिन सिंह को दिये गये इस चेक पर शंभु प्रसाद के हस्ताक्षर हैं. जांच में पाया गया कि इस अकाउंट में हजार रुपये भी नहीं है.
ऐसे मामलों में लेनदेन का बना हुआ है सिस्टम : बताया जाता है कि इस तरह के मामलों में विश्वास के लिए ऐसे ही खातों से चेक दिये जाते हैं, जिसमें कम पैसा हो. ऐसा करने से संबंधित दलाल को काम पूरा होने से पहले पैसा नहीं मिलेगा. लेकिन अगर काम होने के बाद उसे पैसा नहीं मिला, तो वह उसे अपने खाते में जमा कर देगा. चेक बाउंस होने पर वह दोगुनी रकम वसूलने का कानूनी हकदार हो जायेगा. इसके अलावा चेक देनेवाले के सामने जेल जाने का खतरा मंडराता रहेगा. सामान्यत: इस तरह के मामलों में काम होने के बाद दलाल को दिया गया चेक वापस लेकर नकद भुगतान किया जाता है.
posted by : Pritish sahay