रांची : झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने अपने भाषण में नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी और राज्य में बेरोजगारी का जिक्र किया. बेरोजगारी को बड़ी समस्या और चुनौती करार देते हुए कहा कि प्रलय के बाद नयी सृष्टि के निर्माण का वक्त है. हमें समवेत होना होगा, परस्पर सहकार के साथ आगे बढ़ना होगा. कोरोना महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा बाधित होने पर चिंता जतायी और कहा कि उसकी भरपाई करने की व्यवस्था करनी होगी.
स्पीकर ने अपने भाषण में कहा कि दिसंबर, 2019 में जब कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था, तो यह कल्पना भी नहीं की गयी थी कि यह विभीषिका इतना विकराल रूप ले लेगी. जीवन को गतिहीन कर देगी. कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कम्प्लीट लॉकडाउन को इस महामारी का एकमात्र उपाय बताया. श्री महतो ने कहा कि इस कोरोना ने जीवन जीने के तरीके को ही बदल दिया. इसने मानव जीवन को जिस तरह से प्रभावित किया है, उसका असर लंबे समय तक रहेगा.
स्पीकर ने बताया कि करोड़ों लोग इस बीमारी से संक्रमित हो चुके हैं, लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं. करीब 6 महीने से आर्थिक, शैक्षणिक और अन्य गतिविधियां थम गयी हैं. पूरी दुनिया बुरे दौर से गुजर रही है. सकल घरेलू उत्पाद में अप्रत्याशित कमी आयी है, तो उपभोक्ता मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. बढ़ती बेरोजगारी को उन्होंने गंभीर चुनौती और समस्या करार दिया. स्पीकर ने कहा कि यह गर्व की बात है कि दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ भारत के कई संस्थान मानव समाज की सुरक्षा करने के लिए टीका की खोज में जुटे हैं.
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने कोरोना योद्धा डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, प्रशासन एवं पुलिसकर्मियों के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की तारीफ की. उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की कविता की ये पंक्तियां पढ़ीं :
एक चिड़िया चोंच में तिनका
लिये जो जा रही है,
वह सहज में ही पवन
उचास को नीचा दिखाती!
नाश के दुख से कभी
दबता नहीं निर्माण का सुख
प्रलय की निस्तब्धता से
सृष्ट का नव गान फिर-फिर!
नीड़ का निर्माण फिर-फिर
नेह का आह्वान फिर-फिर!
स्पीकर ने कहा कि मानव सभ्यता के इतिहास में बहुत बार विषम परिस्थितियां उत्पन्न हुई हैं. लेकिन, मनुष्य बार-बार गिर कर फिर से उठ खड़ा हुआ है. उन्होंने वर्तमान नेतृत्व और उसकी क्षमता पर भरोसा जताते हुए कहा कि निर्माण की नयी दिशा तय करने के लिए नेतृत्व सामने आया है. सभी दलों के सहयोग से राज्य का नेतृत्व कामयाब होगा और इस मुश्किल वक्त से उबर जायेगा.
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स्पीकर ने हेमंत सोरेन की सरकार की उपलब्धियों का भी बखान किया. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब औद्योगिक और बड़े शहरों में काम करने वाले झारखंड के लोग फंस गये, तो यहां की सरकार ने श्रमिकों को वहां से सकुशल वापस लाने की व्यवस्था की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रयास से ही देश में पहली श्रमिक ट्रेन चली. इसके बाद अन्य राज्यों में भी ऐसी ट्रेनें चलीं. हवाई जहाज से भी अपने लोगों की घर वापसी झारखंड की सरकार ने करायी.
Posted By : Mithilesh Jha