रांची : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा और डंडालगांव को जोड़ने के लिए बन रहे यमुनोत्री नेशनल हाइ-वे पर निर्माणाधीन टनल में पिछले छह दिनों से 40 श्रमिक फंसे हुए हैं. उनमें 15 श्रमिक झारखंड के हैं. शुक्रवार को झारखंड से गये अधिकारियों के दल ने टनल साइट के अंदर जाकर देखा व पाइप के माध्यम से श्रमिकों से बात भी की. उपश्रमायुक्त प्रदीप लकड़ा ने श्रमिकों से बात कर कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. झारखंड सरकार ने उन्हें भेजा है. आप सब ठीक हैं न. श्रमिक ने कहा कि ठीक हैं.
श्री लकड़ा ने बताया कि झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन, उत्तरकाशी से भी मुलाकात कर रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली . उन्होंने बताया है की उच्च क्षमता वाली मशीन लगा कर ड्रिलिंग प्रक्रिया तेजी से शुरू कर दी गयी है. 28 मीटर के लगभग ड्रिलिंग की गयी है और अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले 24 घंटे में रेस्क्यू होने की संभावना है .
Also Read: उत्तराखंड टनल हादसा: रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, CM धामी ने लिया जायजा, पाइप से हो रही खाना-पानी और ऑक्सीजन सप्लाई
टनल में फंसे श्रमिकों को पाइप के माध्यम से ड्राइ फूड जैसे बिस्किट, काजू, किशमिश, मुढ़ी, पानी का बोतल आदि भेजा जा रहा है. साथ ही पाइप के माध्यम से ही ऑक्सीजन भी दिया जा रहा है. प्रदीप लकड़ा ने बताया कि पत्थर आ जाने के कारण मलबे की निकासी में कठिनाई हो रही है. पाइपों को जोड़ कर श्रमिकों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है . उन्होंने बताया कि दो दिनों में श्रमिक बाहर आ सकते हैं. इधर रांची में राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा सभी श्रमिकों के परिजनों से संपर्क कर लिया गया है व उन्हें हालात से अवगत कराया गया है.