रांची : झारखंड की दो राज्यसभा सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का चुना जाना लगभग तय है. महज औपचारिक घोषणा बाकी है. दिन में 12:30 बजे ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार दीपक प्रकाश के पक्ष में जीत के लिए जरूरी 27 से 2 मत ज्यादा पड़ चुके थे. श्री प्रकाश के पक्ष में 29 वोट पड़ चुके थे. इस वक्त तक निर्दलीय विधायक और रघुवर सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने मतदान नहीं किया था.
दूसरी तरफ, दोपहर बाद तक सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पक्ष में महज 15 ही वोट पड़े थे. एनडीए के नेताओं का दावा है कि दीपक प्रकाश के पक्ष में 32 वोट पड़ेंगे. वहीं, कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार की जीत के दावे कर रही थी. हालांकि, वोटिंग ट्रेंड बता रहे हैं कि कांग्रेस उम्मीदवार शहजादा अनवर हार चुके हैं. सुबह 9 बजे शुरू हुई वोटिंग दोपहर 2:30 बजे खत्म हो गयी.
सबसे पहले सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भूषण तिर्की ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. आखिरी वोट निर्दलीय विधायक सरयू राय ने डाला. मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब काउंटिंग शुरू होगी और देर शाम को राज्यसभा चुनाव के परिणाम घोषित कर दिये जायेंगे. सूत्र बता रहे हैं कि एक-दो वोट का ही उलटफेर हो सकता है, जो चुनाव को प्रभावित नहीं कर पायेंगे.
उल्लेखनीय है कि झारखंड की दो राज्यसभा सीटों के लिए मैदान में तीन उम्मीदवार थे. झामुमो ने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को उम्मीदवार बनाया था, तो एनडीए ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को मैदान में उतारा था. संख्या बल नहीं होने के बावजूद कांग्रेस ने शहजादा अनवर को तीसरे उम्मीदवार के रूप में चुनाव के मैदान में उतारा और उनकी जीत के दावे किये. लेकिन, पहले से ही यह तय हो गया था कि चुनाव में वह किसी भी तरह से होड़ में शामिल नहीं हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में झामुमो ने 30 सीटें जीतीं थीं. भाजपा ने 25, कांग्रेस ने 16, झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने 3, आजसू ने 2, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), भाकपा माले ने 1-1 सीटें जीतीं जबकि दो निर्दलीय उम्मीदवार भी विधानसभा पहुंचे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका और बरहेट से चुनाव जीते थे. बाद में उन्होंने दुमका सीट छोड़ दी. इसलिए झामुमो के पास 29 सीटें रह गयीं. वहीं, कांग्रेस के बेरमो विधायक राजेंद्र सिंह की मौत के बाद उसका संख्या बल घटकर 15 रह गया और मात्र 79 विधायकों ने राज्यसभा का प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान किया. इस तरह एक उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 27 वोट की जरूरत थी.
झामुमो के पास अकेले 29 वोट था, जिसके दम पर शिबू सोरेन आराम से उच्च सदन के लिए चुन लिये गये. दूसरी तरफ, भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में 12:30 बजे ही 29 वोट पड़ चुके थे. इसलिए उनकी भी जीत पक्की हो गयी. कांग्रेस अपने उम्मीदवार शहजादा अनवर की जीत के दावे कर रही थी, लेकिन आंकड़े कभी भी उसके पक्ष में नहीं थे. कांग्रेस के अपने 15 विधायकों के अलावा झाविमो से टूटकर कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को मिलाकर उसके पास 17 वोट थे.
झामुमो के 2 अतिरिक्त वोट के सहारे उसकी संख्या 19 हो गयी. अब भी उसे 9 वोट का जुगाड़ करना था. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर बार-बार दावा कर रहे थे कि उनका उम्मीदवार जीतेगा. भाजपा के असंतुष्ट लोग कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करेंगे, लेकिन पार्टी निर्दलीय विधायकों को भी अपने पक्ष में करने में नाकाम रही. सरयू राय ने भाजपा को समर्थन का पहले ही एलान कर दिया था.
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बताया जाता है कि यूपीए सरकार को समर्थन देने वाले एनसीपी के कमलेश सिंह ने भी कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में वोट नहीं किया. हालांकि, मतगणना के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि कमलेश सिंह ने यूपीए उम्मीदवार को वोट दिया या नहीं. उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस प्रत्याशी के लिए खुद सुदेश महतो से वोट मांगा, लेकिन आजसू सप्रीमो ने स्पष्ट कर दिया कि मिट्टी से जुड़े नेता शिबू सोरेन को राज्यसभा भेजने के लिए झामुमो के पास पर्याप्त संख्या बल है. उनकी पार्टी के विधायक एनडीए उम्मीदवार को वोट देंगे.
Posted By : Mithilesh Jha