रांची, गुरुस्वरूप मिश्रा : आज की भागदौड़ की जिंदगी में आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो मिलेट्स (मोटा अनाज) का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद है. भोजन में मिलेट्स को शामिल कर आप हेल्दी लाइफ जी सकते हैं. ये पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. कभी गरीबों का भोजन कहा जाने वाला मोटा अनाज अब तेजी से अमीरों का भोजन बनता जा रहा है. रांची के बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) में पूरे वर्ष जागरूकता को लेकर कार्यक्रम किया जाएगा, ताकि बड़ी संख्या में किसान इसकी खेती करें और आम लोग भी इसका सेवन करें.
क्या है मोटा अनाज
मोटा अनाज (मिलेट्स) में मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, मड़ुआ, गुंदली, सावां, कोदो, कंगनी, कौनी इत्यादि. इनमें प्रमुख रूप से मड़ुआ, ज्वार व बाजरा की खेती झारखंड में अधिकतर क्षेत्रों में की जाती है.
सेहत के लिए क्यों फायदेमंद है मिलेट्स
मिलेट्स (मोटा अनाज) का सेवन सेहत के लिए काफी फायेदमंद है. इसमें कैल्शियम, आइरन, जिंक, मैग्नेशियम, विटामिन बी, विटामिन बी 3, आवश्यक अमिनो एसिड (प्रोटीन), सुपाच्य फाइबर इत्यादि पाए जाते हैं. खास बात ये है कि अन्य धान्य फसलों की अपेक्षा मिलेट्स में इनकी मात्रा अधिक होती है.
हृदय व डायबिटीज के मरीजों को काफी फायदा
मिलेट्स का सेवन कई बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए रामबाण है. मधुमेह (डायबिटीज), हाई बीपी (ब्लड प्रेशर), हृदय रोग (हार्ट), कोलेस्ट्रॉल कम करने एवं कैंसर (ब्रेस्ट) के मरीजों के लिए ये काफी लाभप्रद है.
बीएयू पूरे वर्ष करेगा कार्यक्रम
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है. भारत के नेतृत्व में इसे विश्वभर में मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसानों के साथ-साथ आम लोगों को मिलेट्स (मोटा अनाज) को लेकर जागरूक करना है. किसान मोटे अनाज की खेती करें और आम लोग उसकी महत्ता समझें और उसका सेवन कर सेहतमंद बनें. इसी को लेकर बीएयू द्वारा पूरे वर्ष कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया गया है.
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मोटे अनाज को लेकर करना है जागरूक
बीएयू के वैज्ञानिक व मिलेट्स के प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ अरुण कुमार कहते हैं कि मोटे अनाज की खेती के लिए किसानों को और इसके सेवन के लिए आम लोगों को जागरूक करना है. इसी उद्देश्य से पूरे वर्ष कार्यक्रम किया जाएगा. किसानों को बताया जाएगा कि इसकी खेती कैसे फायदेमंद है और आम लोगों को जानकारी दी जाएगी कि मोटे अनाज को भोजन में शामिल करना कितना स्वास्थ्यवर्द्धक है.