Jharkhand News, Womens Day In Jharkhand, International Womens day रांची : वर्ष 2005 के पंचायत चुनाव में करीब 60 फीसदी महिलाएं जीत कर मुखिया बनीं थीं. अपने लिए आरक्षित सीटों 50 फीसदी से करीब 10 फीसदी अधिक सीटों पर वे काबिज होने में सफल रहीं. यानी अपनी आरक्षित सीटों पर तो उनका हक रहा ही, जो सामान्य सीटें थीं, उनमें भी पुरुष प्रतिद्वंदियों को हरा कर उन्होंने जीत दर्ज करायी. इस तरह 4398 मुखिया में से करीब 2640 पंचायतों में महिलाएं मुखिया बन कर गांवों की सरकार में शामिल हुई. इसके बाद से वे गांवों की दशा और दिशा बदलने में लगी हैं.
अब 2021 के संभावित पंचायत चुनाव के लिए भी उन्होंने कमर कस रखी है. अनुमान है कि इस बार 60 फीसदी से भी अधिक सीटों पर महिला प्रत्याशियों की जीत होगी. महिला मुखिया लोगों ने बताया कि झारखंड के पहले (वर्ष 2010) में पंचायत चुनाव में 50 फीसदी आरक्षित सीटों पर ही उनकी जीत हुई. पहली बार वह सशक्त रूप से सामने नहीं आयीं थी. लेकिन जब पांच साल बाद वर्ष 2015 में फिर से पंचायत चुनाव हुआ, तो रोस्टर के मुताबिक उनकी सीटें बदलीं.
महिला के लिए आरक्षित सीट अनारक्षित हो गयी. यानी इन सीटों पर पुरुष-महिला कोई भी चुनाव लड़ सकता था. तब महिलाएं पीछे नहीं हटीं. अपने पुराने प्रदर्शन के आधार पर उन्होंने अनारक्षित या सामान्य सीटों पर चुनाव लड़ा और ऐसी 10 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की. 50 फीसदी सीटें तो उनके लिए आरक्षित थी ही. इस तरह 60 फीसदी सीटें उनके खाते में गयी.
Posted By : Sameer Oraon