Scorpio Yearly Horoscope 2024 (वृश्चिक राशि (24 अक्तूबर से 22 नवंबर)
वृश्चिक राशि वाले अपने काम के प्रति काफी प्रतिबद्ध होते हैं. स्वभाव से थोड़े जुनूनी और क्रूर भी होते हैं. हालांकि, अपने करीबी लोगों के लिए ये काफी सहयोगी होते हैं. वृश्चिक राशि को जल तत्व की राशि माना गया है. खास है कि ये अपनी उपेक्षा सहन नहीं कर पाते.
नया साल वृश्चिक राशि वालों के लिए नयी उम्मीदें लेकर आयेगा. वर्ष की शुरुआत में शुक्र और बुध आपकी ही राशि में रहकर आपको खुशनुमा बनायेंगे. देव गुरु बृहस्पति 1 मई तक छठे भाव में रहेंगे, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं और खर्च बढ़ने की स्थिति रहेगी. हालांकि उसके बाद 1 मई को आपके सप्तम भाव में आकर समस्याओं में कमी करेंगे.
नौ ग्रहों में सबसे धीमी ग्रह शनिदेव, वृश्चिक राशि के जातकों के लिए पूरे वर्ष चौथे भाव में गोचर करेंगे और पंच महापुरुष राजयोग में से एक शश राजयोग का निर्माण करेंगे. शनिदेव के इस गोचर से वृश्चिक राशि के जातकों को बहुत अत्यधिक सफलता प्राप्त होगी. इस दौरान न सिर्फ आप अपनी पैतृक संपत्ति से लाभ प्राप्त करेंगे, बल्कि आपको कार्यस्थल पर भी बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे. खास तौर से राजनीति से जुड़े जातक को शनिदेव की कृपा से बहुत बेहतरीन सफलता प्राप्त होगी.
ग्रहों के राजा सूर्य आपके दशम भाव के स्वामी हैं और 14 अप्रैल को सूर्य देव अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे. 12 वर्ष के बाद देवगुरु बृहस्पति के साथ छठे भाव में युति करेंगे. जब छठे भाव में गुरु और सूर्य की युति का निर्माण होगा, तो आपके लिए एक विशेष राजयोग निर्मित हो जायेगा. सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे जातकों को सफलता प्राप्त हो सकती है. प्रशासनिक सेवा में आपको नियुक्ति दी जा सकती है. शिक्षक वर्ग को अत्यधिक प्रसिद्धि प्राप्त होगी. इसके अलावा कर्मकांड करने वाले जातकों को भी देवगुरु बृहस्पति और सूर्य की कृपा से मान-सम्मान प्राप्त होगा.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए साल 2024 में एक बड़ा परिवर्तन तब होगा जब देवगुरु बृहस्पति 1 मई को आपके सप्तम भाव में गोचर करेंगे यानी वृष राशि में गोचर करेंगे. इसके बाद पूरे साल में इसी भाव में रहेंगे. बृहस्पति की सप्तम दृष्टि आपके प्रथम भाव पर होगी. आपके वैवाहिक जीवन की कठिनाइयां दूर हो जायेंगी. आपके व्यापार में वृद्धि होगी. आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी और आप यकीन मानिए, आपके परिवार और समाज में आपको भरपूर मान-सम्मान प्राप्त होगा.
करियर के लिहाज से कुछ बड़े परिवर्तन दिखाई पड़ रहे हैं, क्योंकि शनि और बृहस्पति दोनों की दृष्टि का संयुक्त प्रभाव आपके दशम भाव पर आ रहा है, जो आपका कर्म भाव है. ऐसे में आपको अपने दफ्तर में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. पदोन्नति भी की जा सकती है. नौकरी बदलना चाह रहे हैं, तो शनि देव की कृपा से आपको एक अच्छी नौकरी भी प्राप्त हो सकती है.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल प्रथम भाव के स्वामी हैं और 15 मार्च को आपके चौथे भाव में शनि के साथ उनकी युति होगी. 23 अप्रैल तक मंगल कुंभ राशि में ही विराजमान रहेंगे. ऐसे में मंगल और शनि की चौथे भाव में युति आपके लिए थोड़ी कष्ट कारक साबित हो सकती है, क्योंकि दोनों ही पाप ग्रह हैं. इस अवधि में मानसिक कष्ट में बढ़ोतरी संभव है. कोई दुर्घटना घटित हो सकती है. अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखना होगा.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए रहस्य और अध्यात्म के कारक ग्रह केतु पूरे वर्ष कन्या राशि में यानी एकादश भाव में गोचर करेंगे. इस भाव में केतु का गोचर आपके लिए बहुत ही शुभ कहा जा सकता है. आपके लेखन में निखार आयेगा. सिनेमा जगत में काम कर रहे लोगों को मान-सम्मान प्राप्त होगा. जनसंचार से जुड़े लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. शोध से जुड़े हैं, तो आपको अच्छी सफलता प्राप्त हो सकती है. धार्मिक यात्राएं होंगी. कुल मिलाकर केतु का गोचर आपके जीवन में पूरे वर्ष लाभ की वृद्धि करने वाला होगा.
प्रेम संबंध के लिहाज से यह साल थोड़ा कठिन रह सकता है. पाप ग्रह राहु का गोचर आपके पंचम भाव में होने से रिश्ते में गलतफहमी बढ़ सकती है. वहीं प्रेम विवाह को लेकर भी आपके मन में कशमकश बनी रह सकती है. वैवाहिक जीवन की बात करें, तो मई के महीने के बाद देव गुरु बृहस्पति का सप्तम में गोचर पति पत्नी के प्रेम की वृद्धि करने वाला होगा. वहीं जिनका विवाह नहीं हुआ है उनका विवाह भी तय हो सकता है.
आर्थिक रूप से आप इस वर्ष उन्नति करेंगे. स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आपको ध्यान देना होगा. विशेषकर वर्ष का पूर्वार्ध विशेष ध्यान देने के लिए ही संकेत कर रहा है.
शुभ रंग : नीला
शुभ अंक : 02
शुभ दिन : बुधवार
अमृतसिद्धि मंत्र : ॐ हे गौरी शंकरधंगी! यथा तवं शंकरप्रिया,
तथा मां कुरु कल्याणी! कान्तकान्तम् सुदुर्लभं ।।
उपाय : माता-पिता गुरु, साधु-संन्यासी और अपने से बड़े लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करें. शनिवार को शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और श्री हनुमान जी के मंदिर में दर्शन पूजन वर्ष भर करते रहें.
डॉ श्रीपति त्रिपाठी, ज्योतिषाचार्य