Jivitputrika Vrat 2020, Jitiya, puja vidhi, Nahay-khay date and timing, shubh muhurt : आज मताएं जीवित्पुत्रिका व्रत रखीं है. आज अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है. इसे जिउतिया या जितिया व्रत भी कहा जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) माताएं अपने बच्चों के लिए रखती है. इस दिन माताएं पुत्र की दीर्घ, आरोग्य और सुखमयी जीवन के लिए व्रत रखती हैं. छठ पर्व की तरह जितिया व्रत पर भी नहाय-खाय की परंपरा के साथ शुरू होती है. यह पर्व तीन दिन तक मनाया जाता है.
सप्तमी तिथि को नहाय-खाय के बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की समृद्धि और उन्नत के लिए निर्जला व्रत रखती हैं. इसके बाद नवमी तिथि यानी अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है यानी व्रत खोला जाता है. यह व्रत निर्जला रखना पड़ता है. जितिया व्रत (Jitiya Vrat) आज गुरुवार, 10 सितंबर को मताएं रखीं है. मताएं आज निर्जला व्रत रखी है. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से आज 10 सितंबर के पंचांग के जरिए आज की तिथि का हर एक शुभ मुहूर्त व अशुभ समय, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और इस व्रत से जुड़ी पूरी जानकारी…
यह व्रत तीन दिन तक चलता है. पहला दिन नहाए खाए , दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है. मताएं आज निर्जला व्रत रखी है. व्रती मताएं आज गंगा नदी में स्नान कर पूजा की जाती है.
तीज और छठ पर्व की तरह जितिया व्रत की शुरूआत भी नहाय-खाय के साथ ही होती है. नहाय-खाय की प्रक्रिया मताएं पूरी कर ली है. आज मताएं निर्जला व्रत रखी है. इस पर्व को तीन दिनों तक मनाये जाने की परंपरा है. सप्तमी तिथि को नहाय-खाय होती है. उसके बाद अष्टमी तिथि को महिलाएं बच्चों की उन्नति और आरोग्य रहने की मंगलकामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं. वहीं, तीसरे दिन अर्थात नवमी तिथि को व्रत को तोड़ा जाता है. जिसे पारण भी कहा जाता है.
शुद्ध आश्विन कृष्णपक्ष अष्टमी रात 10 बजकर 47 मिनट के उपरांत नवमी हो जाएगी.
श्री शुभ संवत -2077, शाके – 1942, हिजरीसन -1442-43
सूर्योदय -05:50
सूर्यास्त – 06:10
सूर्योदय कालीन नक्षत्र- रोहिणी उपरांत मृगशिरा, वज्र-योग, वा- करण,
सूर्योदय कालीन ग्रह विचार- सूर्य-सिंह, चंद्रमा- मिथुन, मंगल-मेष, बुध-कन्या, गुरु-धनु, शुक्र-कर्क, शनि-धनु राहु-मिथुन, केतु-धनु
सुबह 06.01 से 7.30 बजे तक शुभ
सुबह 07.31 से 9.00 बजे तक रोग
सुबह 09.01 से 10.30 बजे तक उद्वेग
सुबह 10.31 से 12.00 बजे तक चर
दोपहर 12.01 से 1.30 बजे तक लाभ
दोपहर 01.31 से 03.00 बजे तक अमृत
दोपहर 03.01 से 04.30 बजे तक काल
शाम 04.31 से 06.00 बजे तक शुभ
तंदूर की बनी रोटी कुत्तों को खिलायें
आराधनाः ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम: का 1 माला जाप करें।
नोट-
राहुकाल 13:30 से 15 बजे तक।
दिशाशूल-अग्नेय एवं दक्षिण
।।अथ राशि फलम्।।
दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी
ज्योतिर्विद
संपर्क सूत्र न.-
9430669031
News Posted by : Radheshyam kushwaha