Kartik Purnima 2024 Aarti: आज कार्तिक पूर्णिमा का पर्व है, जिसे वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमाओं में सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और विष्णु जी की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि देवताओं के अनुरोध पर भगवान शंकर ने इसी दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का नाश किया था. इस अवसर पर सभी देवताओं ने शिव की पवित्र नगरी काशी में दीप जलाकर अपनी खुशी का इजहार किया. भगवान विष्णु के पहले अवतार मत्स्य का जन्म भी कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा के दिन हुआ था, ऐसा कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय इस आरती का अवश्य उतारना चाहिए.
विष्णु जी की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे.
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
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जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का.
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय…॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी.
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय…॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता.
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति.
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे.
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा.
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा.
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे.
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय…॥