Akshaya Tritiya 2021: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का बड़ा ही महत्व होता है. इस बार अक्षय तृतीया 14 मई को मनाया जाएगा. इस दिन महिलाएं व्रत रखती है. अक्षय तृतीया वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस बार अक्षय तृतीया पर कई शुभ योग बन रहे है. इस योग में पूजा करने पर अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होगी. हालांकि इस साल भी अक्षय तृतीया के मुहूर्त में कोरोना का ग्रहण लगा है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर व्यक्ति घर पर ही दान पुण्य और जप-तप करे तो उसे शुभ फल की प्राप्ति जरूर होगी. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान-पुण्य एवं सत्कर्म अक्षय रहता है. इस दिन कोई भी व्यक्ति अपनी भावना और श्रृद्धा के अनुसार दान करके पुण्य लाभ कमा सकते है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आप अक्षय तृतीया पर दान पुण्य और पूजा पाठ करेंगे तो आपकी सभी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होंगी.
इस साल अक्षय तृतीया तिथि रोहिणी नक्षत्र में शुरू होगी. अक्षय तृतीया पर सुकर्मा और धृति योग का निर्माण हो रहा है. ये दोनों ही योग बहुत ही शुभ माने गए हैं. 14 मई की रात 12 बजकर 25 मिनट से 01 बजकर 56 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा. इसके बाद धृति योग शुरू हो जाएगा. अक्षय तृतीया की तिथि 13 मई की रात 3 बजकर 36 मिनट से 14 मई 2021 की रात 5 बजकर 17 मिनट तक रहेगी.
अक्षय तृतीया की तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और मानस योग बन रहा है. ये योग इस दिन के महत्व में वृद्धि करते हैं. वहीं, रोहिणी नक्षत्र और मृगशिरा नक्षत्र अक्षय तृतीया की तिथि में ही रहेंगे. इस स्थिति को भी शुभ माना जा रहा है. अक्षय तृतीया पर स्वयं सिद्धि मुहूर्त का निर्माण होने से शुभ कार्य और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं.
अक्षय तृतीया के दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. पूजा के दौरान आप मां लक्ष्मी की प्रतिमा नारायण के साथ वाली रखें. नारायण के साथ मां लक्ष्मी का पूजन करने पर वे अत्यंत प्रसन्न होती हैं और उस घर पर अपनी कृपा बरसाती हैं. ऐसे घर में धन धान्य की कमी नहीं होती और सुख समृद्धि आदि बनी रहती है.
इस दिन पितरों को प्रसन्न करने का दिन है. आप अक्षय तृतीया के दिन पितरों के नाम का पिंडदान करें. इससे उनका आशीर्वाद मिलेगा. यदि आपके घर में पितृदोष है तो पिंडदान के अलावा पितरों की मुक्ति के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करें. वहीं, प्रभु नारायण से पितरों को मुक्ति देने की प्रार्थना करें.
धार्मिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए पुण्य कर्मों का क्षय नहीं होता. बल्कि ये कई गुणा बढ़ जाता है. ऐसे में आपको इस दिन जरूरतमंदों को सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य जरूर करना चाहिए. आप इस दिन जल से भरा हुआ घड़ा, चीनी, गुड़, वस्त्र, शरबत, चावल, सोना-चांदी आदि दान कर सकते हैं.
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अक्षय तृतीया : दिन शुक्रवार 14 मई
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पूजा का मुहूर्त : सुबह 05 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा
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तृतीया तिथि समाप्त : 15 मई 2021 की सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर
Posted by: Radheshyam Kushwaha