Ashadha Maas 2024: हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व है. यह महीना हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का चौथा महीना होता है. सभी हिंदू महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित होते हैं. प्रत्येक महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में स्थित होता है, उसी के नाम पर उस महीने का नाम रखा जाता है. आषाढ़ महीने का नामकरण पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर किया गया है. जब आषाढ़ महीने की पूर्णिमा होती है, तब चंद्रमा इन दोनों नक्षत्रों में से किसी एक में स्थित होता है. इसी कारण से इस महीने का नाम आषाढ़ रखा गया है. इस नामकरण के पीछे धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं हैं, जो हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण मानी जाती हैं.
आषाढ़ मास का धार्मिक दृष्टि से भी बहुत बड़ा महत्व है. इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. यह महीना चातुर्मास की शुरुआत का समय होता है, जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं. इस अवधि में साधक और भक्तजन विशेष साधनाएं करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं. इस महीने में व्रत, पूजा और तपस्या का विशेष महत्व है, जिससे साधक आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करते हैं.
Ashadha Mass 2024 Start Date: आषाढ़ मास का आरंभ 22 जून 2024 से हो गया है और यह 21 जुलाई 2024 को समाप्त होगा. इस महीने में कई महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन होते हैं. आषाढ़ मास में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भी निकाली जाती है, जो ओडिशा के पुरी में होती है. इसके अलावा, इस माह में योगिनी एकादशी और गुप्त नवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार भी आते हैं. आइए, जानते हैं आषाढ़ महीने के प्रमुख व्रत-त्योहार और इस दौरान पालन करने योग्य नियमों के बारे में.
आषाढ़ माह 2024 व्रत-त्यौहार कैलेंडर:
- योगिनी एकादशी –2 जुलाई 2024
- प्रदोष व्रत-3 जुलाई 2024
- मासिक शिवरात्रि-4 जुलाई 2024
- आषाढ़ अमावस्या-5 जुलाई 2024
- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि-6 जुलाई 2024
- जगन्नाथ रथयात्रा-7 जुलाई 2024
- विनायक चतुर्थी– 9 जुलाई 2024
- देवशयनी एकादशी-17 जुलाई 2024
- प्रदोश व्रत-19 जुलाई 2024
- कोकिला व्रत-20 जुलाई 2024
- गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा-21 जुलाई 2024
आषाढ़ मास के दौरान पालन करने योग्य नियम और सुझाव:
- प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर भगवान सूर्य को जल अर्पित करें.
- इस महीने में गरीब और जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र और छाता दान करना शुभ माना जाता है.
- आषाढ़ के महीने में नियमित रूप से ‘ऊँ नम: शिवाय’, ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय’, ‘कृं कृष्णाय नम:’, ‘ऊँ रां रामाय नम:’, ‘ऊँ रामदूताय नम:’ मंत्रों का जाप करें.
- इस माह में गुरु पूर्णिमा भी आती है, इसलिए अपने गुरुजनों का सम्मान करें और उनकी पूजा करें. गुरुजनों के आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है.
- आषाढ़ मास में तामसिक चीजों जैसे मांस, मदिरा और अन्य नशीले पदार्थों से दूर रहें.
- इस माह में पत्तेदार सब्जियों और तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें.