Ashadh Month Ekadashi 2024: सनातन धर्म में आषाढ़ महीने का विशेष महत्व है, जो इस वर्ष 23 जून से शुरू होकर 21 जुलाई तक चलेगा. इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा का खास प्रावधान है. हर महीने दो एकादशी तिथियाँ आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. आषाढ़ महीने में विशेष रूप से देवशयनी और योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. आइए जानते हैं कि इस आषाढ़ महीने में कौन सी एकादशी कब मनाई जाएगी.
आषाढ़ महीने में एकादशी तिथि कब है?
योगिनी एकादशी व्रत 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 1 जुलाई की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर होगा. यह तिथि 2 जुलाई की सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगी. इस प्रकार, उदयातिथि के अनुसार, योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई 2024 को रखा जाएगा. योगिनी एकादशी व्रत के बाद, इसका पारण 3 जुलाई को किया जाएगा. व्रतधारी इस दिन विधिपूर्वक व्रत खोलते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन व्रत रखने और विष्णु भगवान की पूजा करने से भक्तों को पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है. योगिनी एकादशी के व्रत को बहुत पुण्यदायी माना जाता है और इसे करने से 32 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है.
देवशयनी एकादशी व्रत 2024: देवशयनी एकादशी का व्रत आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष, देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि की शुरुआत 16 जुलाई की रात 8 बजकर 33 मिनट पर होगी और इसका समापन 17 जुलाई की रात 9 बजकर 2 मिनट पर होगा. इस शुभ दिन पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 34 मिनट से लेकर 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है. देवशयनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान विष्णु के योगनिद्रा में प्रवेश का प्रतीक है. इस दिन व्रत रखने और विष्णु भगवान की पूजा करने से भक्तों को जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है. यह व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
आषाढ़ महीने की एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म शास्त्रों में आषाढ़ महीने की एकादशी तिथि को विशेष महत्व दिया गया है. इस पवित्र महीने में दो प्रमुख एकादशी व्रत होते हैं. योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी. योगिनी एकादशी का व्रत रखने से भक्तों को 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व यह है कि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में प्रवेश करते हैं. यह समय चातुर्मास के रूप में जाना जाता है. देवशयनी एकादशी का व्रत रखने से साधकों को जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है, साथ ही वे पाप कर्मों से भी मुक्त हो जाते हैं. इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति होती है.