Ashadha Gupt Navratri 2024: साल 2024 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है. यह 15 जुलाई तक चलेगी. इस साल गुप्त नवरात्रि 10 दिनों की होगी क्योंकि चतुर्थी तिथि दो बार आएगी.
माता की सवारी और उसका प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में माता की सवारी उनके आगमन का संकेत देती है और इसका देश-दुनिया पर प्रभाव पड़ता है. इस बार माता घोड़े पर सवार होकर आएंगी.
Shukra Uday 2024 से इन राशियों पर होगा खास असर आइए जानें
घोड़े पर सवारी का प्रभाव: ज्योतिषियों के अनुसार, माता का घोड़े पर आगमन शुभ नहीं माना जाता है. इससे देश-दुनिया में अशांति, युद्ध, राजनीतिक उथल-पुथल, आर्थिक तंगी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
किसको मिलेगा लाभ: यह समय उन लोगों के लिए अच्छा रहेगा जो गतिशीलता से जुड़े कार्य करते हैं, जैसे कि खिलाड़ी, सेना के जवान, पुलिसकर्मी आदि.
राशियों पर प्रभाव: मेष, सिंह और तुला राशियों के लिए घोड़े पर सवार माता का आगमन चुनौतियों भरा हो सकता है. इन राशियों के जातकों को स्वास्थ्य, धन और करियर संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कर्क, वृश्चिक और मीन राशियों के लिए मिश्रित फल प्राप्त होंगे. वृषभ, मिथुन, कन्या, धनु और मकर राशियों के लिए सकारात्मक बदलावों की संभावना है.
गुप्त नवरात्रि का महत्व
दस महाविद्याओं की पूजा: गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं – त्रिपुरा सुंदरी, त्रिपुरा भैरवी, बहुला, षटचक्र, नील सरस्वती, महाकाली, महालक्ष्मी, महालक्ष्मी, धूम्रवती और बगलामुखी – की पूजा की जाती है.
आध्यात्मिक उन्नति: यह आध्यात्मिक उन्नति, ज्ञान प्राप्ति, मोक्ष प्राप्ति और मनोकामना पूर्ति का उत्तम समय माना जाता है.
तंत्र साधना: तंत्र साधकों के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है.
गुप्त नवरात्रि पूजा विधि
घटस्थापना: प्रथम दिन घटस्थापना कर माता की प्रतिमा स्थापित करें.
नवरात्रि व्रत: नौ दिनों तक व्रत रखें और माता की पूजा करें.
दस महाविद्याओं की पूजा: प्रत्येक दिन एक महाविद्या की पूजा करें.
दीपदान और आरती: नियमित रूप से दीपदान और आरती करें.
दुर्गा सप्तशती पाठ: दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
दान: दान-पुण्य करें.
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
घटस्थापना: प्रथम दिन घटस्थापना कर माता की प्रतिमा स्थापित करें.
नवरात्रि व्रत: नौ दिनों तक व्रत रखें और माता की पूजा करें.
दस महाविद्याओं की पूजा: प्रत्येक दिन एक महाविद्या की पूजा करें.
दीपदान और आरती: नियमित रूप से दीपदान और आरती करें.
दुर्गा सप्तशती पाठ: दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
दान: दान-पुण्य करें.
जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847