Bhadrapad Purnima 2023 Date: सनातन धर्म में भद्रपद पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है. भाद्रपद पूर्णिमा इसलिए खास होती है, क्योंकि इस दिन से पितृपक्ष की शुरुआत हो जाती है. भाद्रपद पूर्णिमा को श्राद्ध पूर्णिमा भी कहते है. भाद्रपद पूर्णिमा तिथि पर मां लक्ष्मी का पूजन करने से आर्थिक तंगी समाप्त होती है. वहीं पितरों का तर्पण करने से परिवार में खुशियां आती है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री से इस साल भाद्रपद पूर्णिमा कब है, इस दिन शुभ मुहूर्त और दिन के महत्व के बारे में…
भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को है. पूर्णिमा तिथि 28 सितंबर 2023 को शाम 06 बजकर 49 मिनट से शुरू होगी और 29 सितंबर 2023 को शाम 03 बजकर 27 मिनट पर समाप्त होगी. भाद्रपद पूर्णिमा का व्रत 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को रखा जाएगा. पूर्णिमा और शुक्रवार दोनों ही मां लक्ष्मी को प्रिय है. ऐसे में इस दिन देवी लक्ष्मी की उपासना करने से ऐश्वर्य, कीर्ति और संपन्नता में वृद्धि होगी.
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स्नान-दान मुहूर्त 29 सितंबर को सुबह 04 बजकर 36 मिनट से सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक
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सत्यनारायण पूजा 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
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चंद्रोदय समय – शाम 06 बजकर 18 मिनट पर
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लक्ष्मी पूजा – रात 11 बजकर 18 मिनट से अगले दिन 30 सितंबर 2023 को सुबह 12 बजकर 36 मिनट तक
भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितंबर 2023 दिन शुक्रवार को है. इस दिन स्नान दान का बहुत महत्व होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूर्णिमा के दिन पूजा, जप, तप और दान करने से लाभ होता है. भाद्रपद पूर्णिमा पर व्रत कर भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ने या सुनने से इंसान मोक्ष को प्राप्त करता है. व्यक्ति समस्त भौतिक सुखों को प्राप्त कर बैकुंठ लोक में जाता है.
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पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है. इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी करें. इसके बाद भगवान विष्णु को भोग लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें.
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भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान कर लें.
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नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें.
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नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
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सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
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किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश का ध्यान किया जाता है.
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पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. जैसे मांस, मटन, चिकन या मसालेदार भोजन, लहसुन, प्याज आदि. इस दिन किसी भी हालत में शराब नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इस दिन शराब का दिमाग पर बहुत गहरा असर होता है.
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