Chaitra Navratri Kanya Pujan 2024: चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 17 अप्रैल 2024 दिन बुधवार को है. इसी दिन चैत्र नवरात्र का समापन होता है. चैत्र नवरात्र के नवमी तिथि को मां दुर्गा की उपासना और कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के नवमी तिथि में कन्या पूजन का विधान है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि पर कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि पर नवमी तिथि पर कैसे करें कन्या पूजन…
महानवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, कन्या पूजन से मां दुर्गा जल्द प्रसन्न होती हैं. क्योंकि कन्याओं को देवी का स्वरूप माना गया है. इसीलिए नवरात्रि की नवमी तिथि पर कन्याओं की पूजा की जाती है. 17 अप्रैल दिन बुधवार को महानवमी है. इस दिन सुबह 06 बजकर 27 मिनट से लेकर 07 बजकर 51 तक कन्या पूजन कर सकते हैं. वहीं दोपहर को अगर कन्या पूजन करना चाहते हैं तो 01 बजकर 30 मिनट से लेकर 02 बजकर 55 मिनट किया जा सकता है. कन्या पूजन में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु की कन्याओं को घर पर बुलाकर उनका पूजन और भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है.
नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे करें?
- पूजा की शुरुआत कन्याओं के स्वागत से करें, इसके बाद उनके पैर धोकर आसन पर बिठाएं.
- नवमी के दिन स्नान करने के बाद भगवान गणेश और माता गौरी की पूजा करें.
- इसके बाद कन्या पूजन के लिए 9 कन्याओं और एक लड़के को भी आंमत्रित करें.
- सभी कन्याओं के साफ पानी से पैर धोएं और साफ कपड़े से पोछकर आसन पर बिठाएं.
- इसके बाद कन्याओं के माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका लगाएं.
- फिर सभी कन्याओं के हाथ में कलावा या मौली बांधें.
- एक थाली के में घी का दीपक जलाकर सभी कन्याओं की आरती उतारें.
- आरती उतारने के बाद कन्याओं को भोग में पूड़ी, चना, हलवा और नारियल खिलाएं.
- कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद जरूर लें.
- कन्याओं को उपहार जैसे-चुनरी, चूड़ियां और नए कपड़े दें.
कन्या पूजन में उम्र का रखें ध्यान
चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि में कन्या पूजन के लिए बच्चियों की उम्र का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. नवरात्रि में कन्या पूजन के लिए अपने घर में 2 से 10 साल तक की कन्याओं को भोजन करने के लिए बुलाएं. पूजा मे हिस्सा लेने वाले कन्याओं की संख्या 9 ही होनी चाहिए. घर में प्रवेश करने पर उनके पैर धोएं और फिर आसन देकर उन्हें बिठाएं. इसके बाद देवी स्वरूप कन्याओं का रोली, चंदन, पुष्प आदि से पूजा करें और उन्हें खाने के लिए पूड़ी, सब्जी, हलवा आदि खाने के लिए दें.
कन्या पूजन का महत्व
नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन करने से माता की कृपा आप पर बनी रहती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि रहती है. कन्या पूजन कन्याओं का सम्मान करने और पूजा करने का सबसे अच्छा तरीका है. कन्या पूजन के लिए दो से दस साल तक की कन्या उपयुक्त होती हैं. दो से दस साल तक की कन्याएं मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं. इसके अलावा लंगूर के रूप में एक लड़के को भी कन्या पूजा में शामिल किया जाता है, जिसे भैरव बाबा या हनुमान जी का प्रतीक कहा जाता है. नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने से देवी दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा आपके परिवार पर सदा बनी रहती है.
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