25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Chhath Puja 2023: छठ पूजा का आज दूसरा दिन, शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला व्रत, जानें मुख्य बातें

Chhath Puja 2023: आज खरना का प्रसाद बनेगा, इसके अगले दो दिनों तक भगवान भास्कर को अर्घ दिया जायेगा. शाम में छठव्रती अरवा चावल और गुड़ की खीर बनाकर पूजा करेंगे और फिर उसे ग्रहण करेंगे, जिसे ‘खरना’ कहा जाता है.

Chhath Puja 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है. व्रतियों ने सुबह गंगा स्नान के बाद नहाय-खाय का प्रसाद, पवित्र तरीके से कद्दू की सब्जी, चने की दाल व चावल बनाकर ग्रहण किया. सूर्योपासना के पर्व के पहले दिन छठ व्रतियों ने नहाय-खाय के साथ ही छठ की उपासना का संकल्प लिया और छठ महापूजा की शुरुआत की, इस दौरान व्रतियों ने स्नान कर एक-दूसरे के माथे पर सिंदूर और पैरों में आलता लगवाया. आज खरना का प्रसाद बनेगा, इसके अगले दो दिनों तक भगवान भास्कर को अर्घ दिया जायेगा. नहाय खाय के मौके पर शहर की कई संस्थाएं और लोगों ने छठ व्रतियों के बीच कद्दू, सूप, नारियल व अन्य पूजन सामग्री का वितरण कर सामूहिकता का संदेश दिया.

Chhath Puja 2023: आज खरना पूजा

आज (शनिवार) छठ व्रतियों द्वारा खरना पूजा किया जायेगा. शाम में छठव्रती अरवा चावल और गुड़ की खीर बनाकर पूजा करेंगे और फिर उसे ग्रहण करेंगे, जिसे ‘खरना’ कहा जाता है. खरना की सामग्री को नैवेद्य के रूप में चढ़ाने के बाद रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ अर्पित किया जायेगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल कार्तिक मास की शुक्ल चतुर्थी तिथि के दिन नहाय-खाय होता है. छठ पूजा के दौरान षष्ठी मैया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है. छठ पूजा के पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है.

Chhath Puja 2023:  छठ पूजा का आज दूसरा दिन लोहंडा और खरना

छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. दूसरे दिन आज भक्त निर्जल उपवास करते हैं. शाम को वे ठेकुआ (गेहूं के आटे और गुड़ से बनी मिठाई) का प्रसाद तैयार करते हैं. सूर्यास्त होने से पहले वे इस प्रसाद को खाकर उनका उपवास तोड़ते हैं. इसके बाद अगले दिन 19 नवंबर दिन रविवार को भक्त अपनी संध्या की अर्घ्य क्रिया सूर्यास्त के समय करते हैं. वे कमर तक पानी में खड़े होते हैं और फल, थेकुआ, गन्ना, और नारियल का अर्घ्य सूर्य देव को अर्पित करते हैं. यह आमतौर पर नदी के किनारे, तालाबों, या अन्य जल स्रोतों के किनारे किया जाता है.

Also Read: Chhath Puja 2023 Live: छठ पूजा का दूसरा दिन खरना आज, छठी मैया और सूर्य देव की पूजा का जानिए विधान
Chhath Puja 2023:  छठ पूजा का महत्व

सनातन धर्म में देवी-देवताओं को त्योहारों के साथ जोड़कर आस्था प्रकट करने की सदियों पुरानी परंपरा रही है. लेकिन, छठ पर्व पर सूर्य देवता की आराधना का खास महत्व है. छठ पर्व सबसे कठिन व्रत माना जाता है. बता दें कि छठ महज एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, इसका वैज्ञानिक और सामाजिक महत्व भी है. इस चमत्कारी व्रत से जीवन के हर हिस्से में बेहतरी आती है. इसीलिए इस महान पर्व का महत्व और भी बढ़ जाता है. छठ पूजा प्रकृति की पूजा भी है. इस मौके पर सड़कें, गलियां, नदियां, तालाब और जलाशयों की सफाई की जाती है. यह उस सूर्य की पूजा है, जिसके प्रकाश से जीवन की उत्पत्ति होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें