Christmas 2024: संत मरिया महागिरजाघर, जो झारखंड की राजधानी रांची के पुरुलिया रोड पर स्थित है, झारखंड में रोमन कैथोलिक चर्च का पहला महागिरजाघर है. मनरेसा हाउस के सुपीरियर, फादर सिल्वें ग्रोजां की इच्छा थी कि यह चर्च बेल्जियम के आरलों स्थित गिरजाघर के समान हो. इस उद्देश्य के लिए, 1892 में ब्रदर ऑल्फ्रेड लेमोइन को रांची आमंत्रित किया गया, जो पेरिश के बंगलो, स्कूलों और गिरजाघरों के निर्माण में दक्ष थे.
20 मई 1906 को रखी गई थी इसकी नींव
फादर अजय सोरेंग ने बताया कि ब्रदर लेमोइन ने स्थानीय युवाओं को राजमिस्त्री और बढ़ाई के कार्य के लिए प्रशिक्षित किया. आर्चबिशप ब्राइस म्यूलमैन ने 20 मई 1906 को इसकी नींव रखी, और 3 अक्टूबर 1909 को ढाका के बिशप हर्थ ने इसका संस्कार किया.
आठ हजार रुपये में खरीदी गई भूमि
फादर अजय सोरेंग ने जानकारी दी कि 1873 में डोरंडा में तैनात रोमन कैथोलिक सैनिकों की आध्यात्मिक देखभाल के लिए एक कैथोलिक पुरोहित मौजूद थे. फादर अल्फ्रेड डी-कॉक डोरंडा डिपो में चैपलिन के रूप में कार्यरत थे, जबकि फादर मोटेटे बंदगांव में पेरिश प्रीस्ट थे. फादर ग्रोजां के मार्गदर्शन में, दोनों ने पुरुलिया रोड के दोनों ओर स्थित विशाल कॉफी बागान को 8000 रुपये में खरीदा. इसी भूमि के एक हिस्से पर संत मरिया महागिरजाघर का निर्माण किया गया है. भूमि खरीदने के बाद, 1886 में यहां निवास के लिए एक खपरैल घर ‘मनरेसा हाउस’ की नींव रखी गई, जो 1887 में पूर्ण हुआ.
Christmas 2024: क्रिसमस पर क्यों चुपके से तोहफे देता है संता, यहां से जानें सीक्रेट सेंटा की परंपरा
Merry Christmas 2024 Wishes: जिंगल बेल्स, जिंगल बेल्स … इस क्रिसमस यहां से भेजें अपनों को बधाई संदेश
दुनियाभर में 25 दिसंबर को मनाया जाएगा क्रिसमस
दुनियाभर में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है. यह ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, लेकिन इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब विभिन्न धर्मों के लोग भी इस दिन को उत्साहपूर्वक मनाने लगे हैं. इस अवसर पर लोग चर्च जाते हैं, अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं, क्रिसमस ट्री स्थापित करते हैं, केक काटते हैं, और साथ ही दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाकर उपहारों के साथ उन्हें क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हैं.
क्रिसमस से जुड़ीं अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
संत मरिया महागिरजाघर में क्रिसमस की तैयारी पूरी
संत मरिया महागिरजाघर रांची में आराधना का आयोजन 24 दिसंबर को रात 10 बजे से किया जाएगा. इस अवसर पर मुख्य अनुष्ठाता और उपदेशक आर्चबिशप विसेंट आईंद होंगे. 25 दिसंबर को पहली आराधना सुबह 6 बजे होगी, जिसमें मुख्य अनुष्ठक और उपदेशक फादर एजेकिएल टोप्पो होंगे. दूसरी आराधना सुबह 7:30 बजे आयोजित की जाएगी, जिसके मुख्य अनुष्ठक फादर रॉबिन प्रफुल्ल टोप्पो हैं. तीसरी आराधना का समय सुबह 9 बजे निर्धारित किया गया है, जिसमें मुख्य अनुष्ठक फादर जॉर्ज मिंज होंगे.