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Diwali 2023 Puja Samagri: दिवाली की पूजा के समय न करें ये भूलचूक, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और पूजन सामग्री

Diwali 2023 Puja Samagri: दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेशजी की पूजा का सबसे अधिक महत्व माना गया है. धन की देवी माता लक्ष्मी एवं बुद्धि के देवता गणेशजी की विधि विधान से पूजा की जाती है.

Diwali 2023 Puja Samagri List: दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेश की पूजा का सबसे अधिक महत्व होता है. दिवाली की पूजा के समय किसी तरह की भूलचूक न हो इसके लिए पहले से ही पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट तैयार कर लीजिए, इस साल 12 नवंबर को दिवाली मनाई जाएंगी. दिवाली की रात लक्ष्मी-गणेशजी की पूजा का सबसे अधिक महत्व माना गया है. धन की देवी माता लक्ष्मी एवं बुद्धि के देवता गणेशजी की विधि विधान से पूजा की जाती है. दिवाली की रात शुभ मुहूर्त में पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशियां आती हैं. दिवाली के दिन पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि की जानकरी होनी चाहिए.

Diwali 2023 Puja Samagri List: दिवाली पूजा की आवश्यक सामग्री

लकड़ी की चौकी, चौकी को ढकने के लिए लाल या पीला वस्त्र, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां, कुमकुम, चंदन, हल्दी, रोली, अक्षत, पान और सुपारी, साबुत नारियल, अपनी भूसी के साथ, अगरबत्ती, दीपक के लिए घी, पीतल का दीपक या मिट्टी का दीपक, कपास की बत्ती, पंचामृत, गंगाजल, पुष्प, फल, कलश, जल, आम के पत्ते, कपूर, कलावा, साबुत गेहूं के दाने, दूर्वा घास, जनेऊ, धूप, एक छोटी झाड़ू, दक्षिणा, आरती की थाली.

Diwali 2023 Puja Muhurat: दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त

दिवाली के दिन शाम को 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 7 बजकर 35 मिनट तक लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा, इसके साथ ही 12 नवंबर की रात्रि को 11 बजकर 35 मिनट से 13 नवंबर को 12 बजकर 32 मिनट तक लक्ष्मी पूजा का निशिता काल मुहूर्त बनेगा.

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Diwali 2023 Puja Vidhi: लक्ष्मी-गणेश पूजन विधि

  • दिवाली की सफाई के बाद घर के हर कोने में गंगाजल छिड़कें.

  • लकड़ी की चौकी पर लाल सूती कपड़ा बिछाएं और बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें.

  • फिर अनाज के बीच में कलश को रखें.

  • कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें.

  • कलश पर 5 आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें.

  • बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति और कलश के दाहिनी ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें.

  • अब देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जी और कलश को तिलक करें और दीपक जलाएं.

  • अब भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं.

  • अपनी आंखें बंद करें और दिवाली पूजा मंत्र का पाठ करें.

  • लक्ष्मीजी की मूर्ति लें और उसे पानी से स्नान कराएं और उसके बाद पंचामृत से स्नान कराएं.

  • मूर्ति को फिर से पानी से स्नान कराकर, एक साफ कपड़े से पोछें और वापस रख दें.

  • मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें. माला को देवी के गले में डालकर अगरबत्ती जलाएं.

  • नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें.

  • थाली में दीया लें, पूजा की घंटी बजाएं और लक्ष्मी जी की आरती करें.

मां लक्ष्मी और गणेश जी का प्रिय भोग

दिवाली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की विधि विधान से पूजन अर्चना की जाती है, इसके बाद माता लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है. मां लक्ष्मी को खीर बहुत प्रिय है, इसलिए दिवाली के दिन भोग के लिए खीर जरूर बनाएं. दिवाली पूजा में आप सिंघाड़ा, अनार,नारियल, पान का पत्ता, हलुआ और मखाने का भोग लगा सकते हैं, इस दिन माता लक्ष्मी को सफेद और गुलाबी रंग की मिठाई चढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही गणेश जी को मोतीचूर या बेसन के लड्डू और पीले मोदक का भोग लगा सकते हैं.

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