Sankashti Chaturthi 2024: हर साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी का पर्व विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता के रूप में भी जाना जाता है, और उनकी पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की आराधना करने से व्रती की आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है, और जीवन के सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं. इस विशेष दिन पर भक्तगण पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत रखते हैं और उनके सामने अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं.
गजानन संकष्टी चतुर्थी का महत्व केवल व्रत और पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस दिन को विशेष बनाने वाले शुभ मुहूर्त और योग भी महत्वपूर्ण हैं. साधक गणेश जी की विशेष पूजा विधि का पालन करते हुए दूर्वा, शमी पत्र, लड्डू और मोदक का भोग लगाते हैं. इस व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और उसे सभी प्रकार के विघ्न-बाधाओं से मुक्ति मिलती है. इस दिन चंद्रोदय का समय भी विशेष महत्व रखता है, और रात में चन्द्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है. आइए, गजानन संकष्टी चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त और योग के बारे में विस्तार से जानें और इस पावन अवसर का संपूर्ण लाभ उठाएं.
शुभ मुहूर्त: पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में 07 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, इसलिए 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई जाएगी. इस तिथि पर चन्द्रोदय का समय रात 09 बजकर 38 मिनट पर होगी.
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योग: गजानन संकष्टी चतुर्थी के अवसर पर इस वर्ष विशेष रूप से सौभाग्य और शोभन योग का निर्माण हो रहा है, जो इस पर्व को और भी अधिक शुभ बना रहा है. इस दिन सौभाग्य योग प्रातः 11 बजकर 11 मिनट तक रहेगा, जिसके पश्चात शोभन योग का संयोग बनेगा. शोभन योग 25 जुलाई को सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक प्रभावी रहेगा. इन दोनों योगों का समय अत्यंत शुभ माना जाता है, और इस अवधि में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से साधकों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
पंचांग
- सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
- चन्द्रोदय- शाम 09 बजकर 38 मिनट पर
- चंद्रास्त- प्रात: काल 08 बजकर 31 मिनट पर (25 जुलाई)
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 57 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक अशुभ समय
- राहु काल – दोपहर 12 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 10 मिनट तक
- गुलिक काल – सुबह 10 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक
- दिशा शूल – उत्तर