Grahan 2020: श्रीपति त्रिपाठी ज्योतिषचार्य के अनुसार आज साल का दूसरा चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. लेकिन, इस बार का चंद्र ग्रहण सामान्य से अलग होगा. इस बार आप चंद्र ग्रहण देख भी सकेंगे और इस दौरान खा-पी भी सकेंगे. हिंदू पंचांग के अनुसार 5 जून को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि पर चंद्र ग्रहण लगेगा. यह चंद्र ग्रहण उपछाया ग्रहण होगा. यह सिर्फ धुंधला सा दिखाई देगा. ग्रहण मध्य रात्रि 11 बजकर 16 मिनट से रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इसे पूरे भारत में देखा जा सकता है. इस दौरान चंद्रमा वृश्चिक राशि में होंगे.
इसे शास्त्रों के अनुसार 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण सामान्य चंद्र ग्रहण से अलग होगा, इसे उपछाया ग्रहण कहते है. इसमें कोई सूतक नहीं माना जाता और पूजा पाठ और खाने पीने पर कोई पाबंदी नहीं होती है. इस दौरान दान करने जैसा भी कोई नियम नहीं है.
बता दें कि जून माह में दो ग्रहण लगने जा रहे हैं. पहला ग्रहण 5 जून और दूसरा 21 जून के दिन लग रहे हैं. 21 जून को सूर्य ग्रहण लगेगा. 21 जून को लगने वाले ग्रहण को भारत के समेत यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में देख सकेंगे. चंद्र मालिंय ज्योतिष के मुताबिक, उपछाया ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होता. इस प्रक्रिया में चंद्र ग्रहण जब लगता है तो उसके पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है. इसे चंद्र मालिंय और कहते हैं. उपछाया में पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं पड़ता इसमें चंद्रमा सिर्फ धुंधला सा दिखाई पड़ता है.
5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का होगा. यह एक पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा जिसमें आमतौर पर एक पूर्ण चंद्रमा से अंतर करना मुश्किल होता है. यह चंद्र ग्रहण 5 जून की रात 11:15 बजे से शुरू होगा, रात 12:54 बजे इसका सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा और 6 जून 02:34 बजे समाप्त हो जाएगा. हालांकि उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. वहीं, 21 जून के सूर्य ग्रहण का आंशिक ग्रहण सुबह 9:15 पर शुरू होगा. 12:10 पर अधिकतम ग्रहण और दोपहर 3:04 बजे आंशिक ग्रहण समाप्त होगा. इस ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाएगा.