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Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज 31 जुलाई को, इस दिन निभाई जाती है ये खास परंपरा, डिटेल जानें

Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने और व्रत रखने से विवाहित स्त्रियों को सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है. घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है.

Hariyali Teej 2022: हरियाली तीज को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज मनाया जाता है. हरियाली तीज के अवसर पर महिलाएं मेहंदी लगाती हैं, सोलह श्रृंगार करती और नये कपड़े पहनती हैं. इस दिन गीत गाते हुए महिलाएं झूले झूलती हैं. सुहागन महिलाओं के लिए हरियाली तीज पर्व विशेष होता है. सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है.

हरियाली तीज पर निभाई जाती है ये परंपरा

  • नवविवाहित महिलाओं के लिए पहला सावन और पहली हरियाली तीज का विशेष महत्व होता है. हरियाली तीज के मौके पर लड़कियों को ससुराल से मायके बुलाया जाता है.

  • हरियाली तीज के एक दिन पहले सिंजारा सेलिब्रेट करते हैं. इस दिन नवविवाहित लड़की के लिए उनके ससुराल से वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार के सामान, मेहंदी और मिठाईयां आती हैं.

  • हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है. महिलाएं और युवतियां अपने हाथों पर तरह-तरह की खूबसूरत मेहंदी लगाती हैं.

  • हरियाली तीज पर सुहागिन स्त्रियां सास के पांव छूकर सुहागी देती हैं और उनका आशीर्वाद लेती हैं.

  • इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके, नए वस्त्र पहनकर मां पार्वती की पूजा करती हैं.

  • हरियाली तीज पर महिलाएं और युवतियां झूले झूलती हैं और लोक गीत गाती हैं.

हरियाली तीज पूजा विधि

  • हरियाली तीज के सुबह उठकर स्नान करें.

  • नए कपड़े पहनकर पूजा करने का संकल्प लेती हैं.

  • पूजा स्थल की साफ-सफाई करने के बाद मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाएं.

  • अब उन्हें लाल कपड़े के आसन पर बिठाएं.

  • पूजा की थाली में सुहाग की सभी चीजों रखें, भगवान शिव और माता पार्वती अर्पित करें.

  • अंत में तीज कथा और आरती करें.

  • इस पर्व में महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और अगले दिन व्रत तोड़ती हैं.

हरियाली तीज 2022 शुभ मुहूर्त (Hariyali Teej 2022 Shubh Muhurat)

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 31 जुलाई को सुबह 6 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रही है. जो महिलाएं पूजा करना चाहती हैं वे 6 बजकर 32 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक पूजा कर सकती हैं. इसके अलावा प्रदोष काल में पूजा का मुहूर्त शाम के समय 6 बजकर 33 मिनट से रात 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगा.

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हरियाली तीज का पौराणिक कथा और महत्व

हिंदू धर्म में हर व्रत, पर्व और त्यौहार का विशेष पौराणिक महत्व है हरियाली तीज भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस कड़ी तपस्या और 108वें जन्म के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाया. कहा जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शंकर ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इस दिन को भगवान शिव और माता पार्वती ने सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया. इसलिए हरियाली तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.

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