Hindu Nav Varsh 2081: भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित हिंदू पंचांग विक्रम संवत् है, इसमें चन्द्र मास और सौर वर्ष का उपयोग किया जाता है. विक्रमी संवत् का आरम्भ 57 ईसा पूर्व में हुआ था. शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि ब्रह्मा जी ने चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के साथ ही सृष्टि की रचना आरंभ की थी. क्या आप जानते हैं की हिंदू नववर्ष के साथ विक्रम संवत भी क्यों आता है? इसकी शुरुआत राजा विक्रमादित्य ने की थी. विक्रम संवत शुरू होते ही विक्रमादित्य ने अपनी प्रजा को सभी कर्जों से मुक्ति दिलाई थी. बारह महीनों का एक वर्ष और सात दिनों का एक सप्ताह रखने का प्रचलन विक्रम संवत् से ही शुरू हुआ. महीने का हिसाब सूर्य और चन्द्रमा की गति पर रखा जाता है. पूर्णिमा के दिन, चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी के आधार पर महीनों का नामकरण हुआ है. यह बारह राशियां बारह सौर मास हैं, जिन्हें चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन मास कहा जाता है. चंद्र वर्ष, सौर वर्ष से 11 दिन 3 घटी 48 पल कम है, इसलिए प्रत्येक 3 वर्ष में इसमें 1 महीना जोड़ दिया जाता है, जिसे अधिमास कहा गया. आइए जानते है ज्योतिषी संतोषाचार्य से सबकुछ-
नवरात्रि के साथ संवत 2081 शुरू
पंचांग के अनुसार, संवत 2081 में 8 अप्रैल को सोमवार की रात 11 बजकर 52 मिनट से प्रतिपदा तिथि का आरंभ हो चुकी है. इस बार हिंदू नववर्ष की शुरुआत 2 बड़े ही शुभ संयोग में होने वाली है. पहला, इस दिन धनु राशि में सूर्य और मंगल भौमादित्य योग का निर्माण करेंगे और दूसरा इस दिन गजकेसरी योग का निर्माण भी हो रहा है, जिस दिन नव संवत् का आरम्भ होता है, उस दिन के वार के अनुसार वर्ष के राजा का निर्धारण होता है. 8 अप्रैल को रात्रि 12 बजे से पहले चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि लगने के कारण विक्रम संवत 2081 के राजा चंद्रमा होंगे और उनके मंत्री शनि महाराज होंगे, जो इस वर्ष अच्छी वर्षा होने के संकेत हैं, जनता सुखी और संपन्न रहेगी. धर्म कर्म के कार्यों के अधिकता आएगी. जनहित के कार्य अधिक होंगे. सरकार की और से महिलाओं को कई बड़े और लाभकारी योजनायें मिलेगी तथा प्रभाव बढे़गा.
इस वर्ष के राजा और मंत्री मिलकर चार राशियों को शुभ फल प्रदान करेंगे
- मेष राशि के जातकों के लिए यह वर्ष लाभकारी और फलदायी रहने वाला है. इस वर्ष गुरु की शुभ स्थिति का लाभ प्राप्त होगा.
- वृषभ राशि के जातकों के लिए विक्रम संवत 2081 विशेष लाभकारी होने वाला है. क्योंकि गुरु 01 मई 2024 को मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे. ऐसे में नया संवत आपको उन्नति दिलाने वाला होगा. यह गोचर आपके घर धर्म-कर्म और शुभ कार्य होने के संकेत हैं.
- कर्क इस राशि के जातकों को शनि की ढैय्या के प्रभाव में कुछ कमी आएगी और राहत की सांस ले पाएंगे. शनि देव शनिवार 6 अप्रैल 2024 को पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और गुरुवार 3 अक्टूबर 2024 तक यहां रहेंगे. इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं और इसी में 181 दिन तक शनि देव भ्रमण करेंगे. वर्ष के अंत में मेहनत का लाभ मिलेगा.
- कुंभ राशि के जातकों के लिए चंद्रमा का राजा होना और शनि का मंत्री पद पर विराजमान होना लाभकारी रहने वाला है. आपके लिए इस वर्ष अपार धन लाभ का योग है.
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इस वर्ष क्या करना चाहिए और क्या नहीं
- अपने अपने घर की छत पर सनातन का प्रतीक भगवा लहराएं.
- प्रातः स्नान के उपरांत बजरंगबली के मंदिर जाएं, लड्डू का भोग लगाएं और नए वर्ष की मंगल कामना हेतु ईश्वर से प्रार्थना करें.
- ढोल नगाड़े बजाकर घोड़े पर सवार होकर आ रही माता रानी का स्वागत करें.
- विभिन्न प्रकार के शुद्ध शाकाहारी पकवान बनाएं और अपने प्रियजनों को आमंत्रित कर सभी के साथ मिलकर खुशियां बांटे.
- शत्रुता भूलकर आपस में सौहार्द स्थापित करें.
- अपने मन की निश्चल और निर्मल रखें तथा दूसरों के साथ कपटपूर्ण व्यवहार न करें तथा मुख से अपशब्द का प्रयोग न करें.
- आज के दिन एक नहीं सोच, नया कार्य, कैरियर के लिए लक्ष्य साधन, मांस मदिरा का त्याग, ईश्वर के प्रति समर्पण इत्यादि का दृढ़ संकल्प आपको उन्नति के शिखर तक पहुंचाएगा.
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