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Jagannath Rath Yatra 2024 का साक्षात दर्शन करने से ही मिलता है ये शुभ फल, जानें क्या कहते हैं ज्योतिष शास्त्री

Jagannath Puri Rath Yatra 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं. कल 7 जुलाई को रथयात्रा का आरंभ होगा. आइए जानें ज्योतिष शास्त्री डॉ.एन.के.बेरा से जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारे में.

Jagannath Rath Yatra 2024: इस बार रथ यात्रा द्वितीया तिथि प्रारम्भ 7 जुलाई को 3:44 बजे अहले सुबह से द्वितीया तिथि समाप्त 8 जुलाई अहले सुबह 4:14 बजे है. आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. आपको ज्योतिष शास्त्री डॉ.एन.के.बेरा बता रहे हैं भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा से जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारे में.

रथ यात्रा का साक्षात दर्शन करने से ही मिलता है शुभफल

ऐसा माना जाता है रथ यात्रा का साक्षात दर्शन करने से ही 1000 यज्ञों का पुण्य फल मिल जाता है. रथ यात्रा के दौरान नवग्रहों की पूजा की जाती है. ऐसा मानना है कि रथ यात्रा में शामिल होने से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है.

कब से शुरू होती है रथ यात्रा

हर साल रथ यात्रा आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि से लेकर आषाढ़ मास एकादशी तक चलती है. इस पर्व के बारे में मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ स्वयं अपने भक्तों के मध्य विराजमान रहते हैं.

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3000 साल से भी पुराना है इतिहास

रथ यात्रा का उल्लेख हमें हिंदू धर्म ग्रंथ जैसे महाभारत और स्कंद पुराण में भी मिलता है. ऐसी मान्यता है कि यह त्योहार 3000 साल से भी अधिक पुराना है.

रथ यात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम जी विराजमान हैं. बलराम जी के पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा और सुदर्शन चक्र हैं. सबसे पीछे गरुण ध्वज पर श्री जगन्नाथ जी चलते हैं .

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