July Vrat Tyohar 2021, Ekadashi 2021 July, Pradosh Vrat July 2021 Date, Bakrid 2021 Date In India, Purnima 2021 July, Rath Yatra 2021 Date: हर माह के तरह इस महीने भी प्रदोष व्रत, एकादशी, मासिक शिवरात्री, विनायक चतुर्थी से लेकर पूर्णिमा समेत रथ यात्रा और बकरीद व अन्य व्रत-त्योहार पड़ रहे है. आपको बता दें कि जुलाई का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार चौथा महीना है और इस माह का विशेष महत्व होता है. इसी महीने से चातुर्मास आरंभ हो रहा है अर्थात देवशयनी एकादशी तिथि से कुल चार माह के लिए सभी देवतागण गहरी निद्रा में चले जाएंगे. जो देवउठनी एकादशी के बाद जागेंगे. इस दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते है.
आषाढ़ मास की पहली एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. जो कृष्ण पक्ष के दौरान 5 जुलाई 2021 सोमवार को पड़ने वाली है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है तथा 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर फल मिलता है.
हर महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखने की परंपरा होती है. यह व्रत संतान व सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है. साथ ही साथ स्वास्थ्य व दीर्घायु के लिए भी रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव की उपासना की जाती है, उनका व्रत रखा जाता है. इस बार 07 जुलाई 2021, बुधवार को प्रदोष व्रत पड़ रहा है.
हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाने की परंपरा होती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस बार 08 जुलाई 2021 को मासिक शिवरात्रि व्रत पड़ रहा है.
इस साल जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 12 जुलाई को है जो 20 जुलाई यानी देवशयनी एकादशी के दिन तक मनाया जाएगा.
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आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन से चातुर्मास का आरंभ हो रहा है. कहा जाता है कि श्री हरी समेत सभी देवतागण इस दिन गहरी निद्रा में चले जाते हैं जिसके बाद से 4 महीने तक मांगलिक कार्यों की मनाही हो हो जाती है. इस एकादशी को विष्णु शयनी एकादशी, पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है जो इस बार 20 जुलाई मंगलवार को पड़ रहा है.
इस दिन हिंदू धर्म का मुख्य मासिक त्यौहार प्रदोष व्रत पड़ रहा है. साथ ही साथ मुसलमानों का सबसे प्रमुख त्यौहार बकरीद भी पड़ रहा है. जो मीठी ईद के 2 महीने बाद मनाया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार इसे ईद उल अजहा के नाम से भी जाना जाता है. यह पर्व कुर्बानी और सलामी देने का होता है. इस बार बकरीद 21 जुलाई को मनाई जानी है. हालांकि, यह चांद पर के दीदार पर निर्भर करता है.
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आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है. दरअसल, महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म भी इसी दिन हुआ था. ऐसे में इस दिवस को उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 30 जुलाई को मनाया जा रहा है.
Posted By: Sumit Kumar Verma