Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा को प्रत्येक महीने की पूर्णिमा में सबसे ज्यादा पवित्र और अहम माना गया है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान भी किया जाता है. विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है.
कार्तिक पूर्णिम को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है
कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन दान-पुण्य करने का भी अत्यंत महत्व है. इस साल 19 नवंबर 2021 को कार्तिक पूर्णिमा है.
स्नान करने का शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने का शुभ मुहूर्त 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को ब्रम्ह मुहूर्त से दोपहर 02:29 तक है.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
धर्म और ज्योतिष के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देने का विशेष महत्व है. इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है. ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से लाभ होता है. इसके अलावा इस दिन दीपदान और तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन न करें ये काम
– कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी से बहस न करें. साथ ही इस दिन किसी को अपशब्द भी न कहें. चाहे कोई भी वजह हो खुद को कंट्रोल करें.
– कार्तिक पूर्णिमा के दिन नॉनवेज और शराब का सेवन गलती से भी न करें. ऐसा करने से कई तरह के अशुभ फल मिलते हैं.
-इस दिन किसी असहाय या गरीब व्यक्ति अपमान न करें . क्योंकि इस दिन गरीबों और असहायों की मदद और उन्हें दान देने से शुभ फल मिलते हैं.
– इस दिन नाखून और बाल नहीं काटें.