Kharmas 2025 Date: हमारे सनातन धर्म में खरमास का अपना एक अलग स्थान होता है. इस समय लोग मंगलकार्य क्रम नहीं करते ऐसा करना अशुभ माना जाता हैं.वहीं खरमास पूरे एक महीने तक लगता है, जब यह खत्म हो जाता है तो फिर से लोग अपने शुभ कार्य मंगल काम आरंभ कर देते हैं. ज्योतिषी शास्त्रों के मानें तो जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करता हैं तो खरमास लगजता है, इस समय सूर्य दक्षिणायन मे विराजमान रहते हैं .ऐसे में कोई भी शुभ कार्य नहीं होता है.
कब से कब तक लगेंगा खरमास दोष
वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 फरवरी 2025 को सूर्य देव कुंभ राशि में गोचर करंगे हैं, इसके बाद वहीं 13 मार्च 2025 तक विराजित रहेंगे साथ ही इसके बाद अगले दिन मतलब 14 मार्च 2025 को सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे, सूर्य के इसी गोचर के साथ 14 मार्च 2025 से खरमास दोष आरंभ हो जाएगा. इसके बाद कोई मंगलकार्य एक महीने तक नहीं होगा. फिर उसके बाद सूर्य देव 14 अप्रैल 2025 को मीन राशि से निकलकर मेष राशि में विराजमान होंगे और इसी के साथ खरमास समाप्त होगा.
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क्यों खरमास में नहीं होते मंगलकार्य
धार्मिक और ज्योतिषी मान्यताओं के मुताबिक ऐसा मानना है कि खरमास के दौरान सूर्य देव अपना तेज धैर्य खो देते हैं, और सूर्य देव के अवतार के बाद ही सृष्टि पर जीवन की उत्पत्ति हुई थी, इतना ही नहीं इस समय पर गुरु का प्रभाव भी समाप्त हो जाता है.जिससे गुरु को शुभ और मंगलकार्य दायक का कारक माना जाता है, वहीं ऐसे में खरमास के समय कोई भी मंगलकार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए. मंगलकारी कार्यों के लिए गुरु के उदय होना विशेष महत्व रखता है.शास्त्रों के अनुसार, जब सूर्य धनु और मीन राशि में गोचर करते हैं तो खरमास प्रारंभ होता है और जब मकर राशि में जाते हैं तो खरमास का सम्पन्न हो जाता हैं.