Krishna Janmashtami 2024: इस साल 26 और 27 अगस्त को मनाई जा रही जन्माष्टमी बेहद खास है क्योंकि इस बार ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ अद्भुत संयोग बन रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था, तब भी इसी तरह का योग बना था.
जन्माष्टमी पर क्या हैं ये खास संयोग?
चंद्रमा वृषभ राशि में: इस बार जन्माष्टमी के दिन चंद्रमा वृषभ राशि में विराजमान रहेगा. ऐसा माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भी इसी राशि में हुआ था.
सर्वार्थ सिद्धि योग: इस योग का निर्माण सप्ताह के किसी विशेष दिन कुछ नक्षत्रों के पड़ने पर होता है. यह योग नए कार्यों या व्यवसाय को करने के लिए शुभ माना जाता है.
शश राजयोग और गजकेसरी योग: इन दोनों योगों का निर्माण भी जन्माष्टमी के दिन हो रहा है. ये योग सभी 12 राशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
जन्माष्टमी पर संयोगों का क्या महत्व है?
ये सभी संयोग मिलकर इस जन्माष्टमी को और अधिक खास बना रहे हैं. माना जाता है कि इन संयोगों के दौरान की गई पूजा और उपासना का फल कई गुना अधिक मिलता है.
जन्माष्टमी पर क्या करें ?
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा: इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान से पूजा करें.
व्रत रखें: जन्माष्टमी का व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही अलौकिक शक्तियां प्रदान होती है. परिवार में प्रेम तथा सद्भावना बनी रहती है.
जन्माष्टमी पर किन मंत्रों का जाप करें ?
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे..
क्यों करें जन्माष्टमी का व्रत?
जन्माष्टमी का व्रत रखने से मन को शांति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. यह व्रत हमें भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और शिक्षाओं को समझने का अवसर प्रदान करता है. सभी परिवार मिलकर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूम धाम से मनाए. मंदिर में जाकर भगवान का दर्शन करे गरीबों को दान करे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है. इस व्रत से हमे यह मालूम चलता है कठिन समय में भी अपना धैर्य बनाए रखें. जैसे भगवान कृष्ण जब बाल अवस्था में थे उनको कई तरह राक्षस के द्वारा सताया गाया भगवान सबको धीरे -धीरे समाप्त किए.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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