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ऐसे ना करें श्रीकृष्ण का दर्शन
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करना शुभ माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति श्रीकृष्ण की पीठ का दर्शन करता है तो उसके जीवन में अधर्म बढ़ जाता है.
बाल गोपाल जी की आरती
आरती श्री बाल गोपाल जी की कीजे।
अपना जन्म सफल कर लीजे॥
श्री यशोदा का परम दुलारा।
बाबा की अखियन का तारा।।
गोपियन के प्राणों का प्यारा।
इन पर प्राण न्योछावर कीजे।।
आरती श्री बाल गोपाल जी की कीजे।
बलदाऊ के छोटो भैय्या।
कान्हा कहि कहि बोलत मैय्या।।
परम मुदित मन लेत बलैय्या।
यह छबि नैनन में भरि लीजे।।
आरती श्री बाल गोपाल जी की कीजे।
श्री राधावर सुघर कन्हैय्या।
ब्रज जन का नवनीत खवैय्या।।
देखत ही मन नयन चुरैय्या।
अपना सर्वश्व इनको दीजे।।
आरती श्री बाल गोपाल जी की कीजे।
तोतर बोलनि मधुर सुहावे।
सखन मधुर खेलत सुख पावे।।
सोई सुकृति जो इनको ध्याये।
अब इनको अपनो करि लीजे।।
आरती श्री बाल गोपाल जी की कीजे।
अपना जन्म सफल कर लीजे॥
जन्माष्टमी 2024 श्रीकृष्ण जी की आरती
आरती कुंजबिहारी की, श्रीगिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की, श्रीगिरिधर कृष्ण मुरारी की।
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली,
लटन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक।
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं,
गगन सों सुमन रासि बरसै, बजे मुरचंग।
मधुर मिरदंग ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।
जहां ते प्रकट भई गंगा, सकल मन हारिणि श्री गंगा,
स्मरन ते होत मोह भंगा, बसी शिव सीस।
जटा के बीच, हरै अघ कीच, चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू,
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू।
हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद,
कटत भव फंद, टेर सुन दीन दुखारी की।
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।।
जन्माष्टमी पर लगाएं ये भोग
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को स्पेशल भोग लगाए जाते हैं. मंदिरों में इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के 56 व्यजंनों का भोग तैयार होता है. लेकिन कुछ ऐसी चीजें हैं जो भगवान श्रीकृष्ण को अतिप्रिय हैं और इन चीजों का भोग श्रीकृष्ण को लगाने से कान्हा प्रसन्न होते हैं. जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी, मखाना पाग,खीरा, पंचामृत, लड्डू, पेड़े, खीर आदि चीजों का भोग जरूर लगाएं.
कृष्ण जन्मउत्सव क्यों है खास ?
इस दिन कृष्ण जन्मउत्सव के उपलक्ष्य में सभी घर में पूजन किया जाता है तथा मंदिर में जगह जगह कीर्तन तथा झाकिया सजाई जाती है इस दिन महिला तथा पुरुष रात्रि के बारह बजे तक व्रत रहकर भगवान के जन्म के उपरांत उनका पूजन करते है. हर साल जन्मष्टमी दो दिन मनाया जाता है पहला दिन गृहस्थ जीवन वाले जन्माष्टमी मानते है दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय वाले जन्माष्टमी मानते है.
जन्माष्टमी का व्रत है खास
भगवान श्री कृष्ण के भक्त बड़ी बेसब्री से कृष्ण जन्माष्टमी का इंतजार कर रहे होते हैं। यह हर साल भादप्रद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्णा की भक्ति में लीन हो जाते हैं.
क्यों करें जन्माष्टमी का व्रत?
आज श्रीकृष्ण का व्रत रखते वक्त विशेष बातों का ध्यान रखना होता है. सभी परिवार मिलकर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बड़े धूम धाम से मनाए. मंदिर में जाकर भगवान का दर्शन करे गरीबों को दान करे मोक्ष की प्राप्ति होती है. यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है.
जन्माष्टमी की पूजा के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त
26 अगस्त की मध्यरात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक
पूरी होगी सभी मनोकामना
धार्मिक मान्यताओ के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव पृथ्वी लोक पर बढ़ रहे अत्याचारों को खत्म करने तथा धर्म की रक्षा करने के लिए विष्णु भगवान ने अपना आठवां अवतार भगवान कृष्ण के रूप में लिए थे इसलिए इस दिन पूजन करने से संतान की प्राप्ति ,प्रेम सम्बन्ध मजबूत होगा ,परिवार में सुख भरपूर मिलेगा,इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को माखन या मेवा से भोग लगाये आपके सभी मनोकामना पूर्ण होंगे .
जन्माष्टमी पर करें ये काम
आज भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ ही गाय की भी पूजा करें.
पूजा स्थल पर भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के साथ गाय की मूर्ति भी रखें.
भगवान श्री कृष्ण का गंगा जल से अभिषेक जरूर करें.
गाय के दूध से बने घी का इस्तेमाल करें.
जन्माष्टमी पूजा में तुलसी का जरूर करें इस्तेमाल
भगवान श्री कृष्ण की पूजा में तुलसी पत्ता जरूर शामिल करें. भगवान श्री कृष्ण को तुलसी अतिप्रिय होती है. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ तुलसी की पूजा भी करें.
जन्माष्टमी पूजा सामग्री
खीरा, दही, शहद, दूध, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, पंचामृत, बाल कृष्ण की मूर्ति, सांहासन, गंगाजल, दीपक, घी, बाती, धूपबत्ती, गोकुलाष्ट चंदन, अक्षत, माखन, मिश्री, भोग सामग्री, तुलसी का पत्ता आदि से पूजा करें.
कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का समय कब से कब तक है
कृष्ण जन्माष्टमी व्रत 26 अगस्त 2024 को सुबह 5 बजे से शुरू हो जाएगा और इसका समापन रात 12 बजकर 45 मिनट पर होगा.
कब मनाया जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा समेत अधिकतर जगहों पर आज सोमवार 26 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी.