Mesh Sankranti 2024: आज मेष संक्रांति मनाई जा रही है. आफको बता दें मेष संक्रांति को हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल की पहली संक्रांति माना जाता है. यह सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है. ये दिन सोलर कैलेंडर मानने वाले लोगों के लिए नए साल की शुरुआत का संकेत भी है. मेष संक्रांति हर साल चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाई जाती है. इस साल 2024 में, मेष संक्रांति 13 अप्रैल यानी आज शनिवार को सुबह 09:15 बजे से 10:54 बजे तक मनाई जाएगी.
मेष संक्रांति का क्या महत्व है
नए साल की शुरुआत: मेष संक्रांति को नए साल की शुरुआत माना जाता है. यह नए अवसरों और शुरुआत का प्रतीक है.
खरमास का समापन: मेष संक्रांति के साथ खरमास का समापन होता है. खरमास को अशुभ महीना माना जाता है, इस दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं.
शुभ कार्यों की शुरुआत: खरमास समाप्त होने के बाद सभी शुभ कार्य करना शुभ माना जाता है. जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि.
सूर्यदेव की पूजा: मेष संक्रांति के दिन सूर्यदेव की पूजा करने से रोगों का नाश, पापों का क्षय, और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है.
खुशियां और समृद्धि: मेष संक्रांति खुशियों और समृद्धि का त्योहार है. इस दिन भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद अयोध्या लौटते हुए स्वागत किया जाता है.
मेष संक्रांति 2024 शुभ मुहूर्त क्या है
मेष संक्रांति प्रारंभ: 13 अप्रैल, शनिवार – सुबह 09:15 बजे
मेष संक्रांति समाप्त: 14 अप्रैल, रविवार – सुबह 08:24 बजे
अभिजीत मुहूर्त: 13 अप्रैल, शनिवार – दोपहर 12:13 बजे से 12:58 बजे तक
विजय मुहूर्त: 13 अप्रैल, शनिवार – दोपहर 02:39 बजे से 03:24 बजे तक
मेष संक्रांति की पूजा विधि
स्नान: मेष संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
सूर्य पूजा: सूर्यदेव को जल, फूल, फल और मिठाई अर्पित करें.
गायत्री मंत्र का जाप: सूर्यदेव का गायत्री मंत्र का जाप करें.
दान: दान-पुण्य करना इस दिन बहुत ही शुभ माना जाता है. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या दान दें.
नवरात्रि: मेष संक्रांति से चैत्र नवरात्रि शुरू होती है. आप 9 दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा कर सकते हैं.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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