Narak Chaturdashi 2024: आज 30 अक्टूबर, बुधवार को पंचांग के अनुसार नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व प्रतिवर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को बड़े उत्साह के साथ देशभर में मनाया जाता है. इस दिन मां कालिका, श्री कृष्ण और यमराज की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि यदि इस दिन नरक चतुर्दशी की पूजा विधिपूर्वक की जाए, तो साधकों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. छोटी दिवाली को रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस वर्ष नरक चतुर्दशी पर एक विशेष भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है. इस शुभ योग में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है.
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भद्रावास योग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है. यह योग दोपहर 01:15 बजे से प्रारंभ होगा और 31 अक्टूबर को रात 02:35 बजे समाप्त होगा. इस योग के दौरान भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं. इस अवधि में भद्रा पाताल लोक में निवास करती हैं, जिसके कारण पृथ्वी पर सभी जीवों का कल्याण होता है.
सर्वार्थ सिद्धि योग
नरक चतुर्दशी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. यह योग प्रातः 06:32 बजे से रात 09:43 बजे तक रहेगा. इस समय भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. इस अवसर पर छोटी दीवाली का उत्सव भी मनाया जा सकता है.
नक्षत्र योग
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है. यह योग देर रात 09 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगा. इसके पश्चात चित्रा नक्षत्र का संयोग होगा. ज्योतिष में हस्त नक्षत्र को शुभ माना जाता है. इस योग के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है. इस शुभ अवसर पर वणिज करण का निर्माण भी हो रहा है, जो दोपहर 01 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.