Nirjala Ekadashi 2024 Puja Samagri List: निर्जला एकादशी, जिसे वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता है, एक कठिन लेकिन शीघ्र फलदायी व्रत है. इस व्रत में पूरे दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता है. भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत को करने से माना जाता है कि उनकी कृपा प्राप्त होती है, घर में सुख-समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है. इस वर्ष निर्जला एकादशी 18 जून 2024 को पड़ रही है. आइए जानते हैं निर्जला एकादशी पूजा के लिए आवश्यक सामग्री:
Nirjala Ekadashi 2024 Puja Samagri List: पूजा की वस्तुएं
देवी-देवताओं की मूर्तियाँ/चित्र: भगवान विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र. वैकल्पिक रूप से, आप श्री राधा-कृष्ण जी की मूर्ति/चित्र का भी उपयोग कर सकते हैं.
पूजा सामग्री:
चौकी
पीला वस्त्र
फल (केला, अमरूद, मौसमी आदि)
फूल (कमल का फूल, गुलाब, गेंदा)
लौंग
आम का पत्ता
नारियल
सुपारी
धूप
दीपक
घी
पीला चंदन
अक्षत
कुमकुम
मिठाई
तुलसी दल
पंचमेवा
माता लक्ष्मी के श्रृंगार का सामान (बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, लिपस्टिक आदि) (केवल पैर धोने के लिए) जल
अगरबत्ती (वैकल्पिक)
अन्य पूजन सामग्री
आसन (कपड़ा या प्लास्टिक)
थाली
कलश
गंगाजल
आरती की पुस्तक
घंटी
निर्जला एकादशी पूजा विधि
सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
पूजा स्थल को साफ करें और चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं.
चौकी पर भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
कलश स्थापित करें और उसमें जल भरें.
भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी को फूल, फल, लौंग, सुपारी, नारियल, आदि अर्पित करें.
धूप, दीप जलाएं और घी से आरती करें.
भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की कथा का पाठ करें या आरती गाएं.
माता लक्ष्मी जी को श्रृंगार करें.
निर्जला व्रत का संकल्प लें.
पूजा समाप्त करने के बाद प्रसाद वितरित करें.
निर्जला एकादशी व्रत के लाभ
पापों का नाश होता है.
मन-शरीर शुद्ध होता है.
भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त होती है.
घर में सुख-समृद्धि आती है.
मोक्ष की प्राप्ति होती है
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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