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Pradosh Vrat 2024: ज्येष्ठ मास का दूसरा प्रदोष व्रत कब है?, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Pradosh Vrat 19 June 2024: बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है, इसके साथ ही राहु और केतु ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है. वहीं इस व्रत को रखने से जन्म कुंडली में बुध की स्थिति भी मजबूत होती है.

Pradosh Vrat 19 June 2024: ज्येष्ठ मास के प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. प्रदोष व्रत त्रयोदशी तिथि के दिन रखने का विधान है. इस दिन भगवन शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए उपवास रखकर आराधना की जाती है. प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार आते है, पहला कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. ज्येष्ठ मास का दूसरा प्रदोष व्रत 19 जून 2024 को रखा जायेगा. आइए जानते है ज्येष्ठ मास के दूसरे प्रदोष व्रत के बारे में…

प्रदोष व्रत की तिथि

ज्येष्ठ मास का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाएगा. त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून को सुबह 7 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी. वहीं इसका समापन 20 जून को सुबह 7 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा. प्रदोष व्रत की संध्याकाल पूजा नियम को देखते हुए यह व्रत 19 जून को रहेगा, इस बार ज्येष्ठ मास का दूसरा प्रदोष व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इस व्रत को बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा, इस व्रत का शुभ मुहूर्त 19 जून 2024 को शाम 7 बजकर 22 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक का रहेगा.

प्रदोष व्रत पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन भगवन शिव और मां गौरी की पूजा की जाती है, इस दिन व्रत रखने वाले साधक को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए, इसके बाद स्वच्छ कपड़े पहनकर घर के मंदिर की सफाई करें. फिर घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें. शिवलिंग पर दूध, दही, घी, गंगाजल आदि चीजों से अभिषेक करें, इसके पश्चात भोलेनाथ को चंदन, बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग अर्पित करें. पूजा के अंत में चालीसा-आरती और भोग के साथ समापन करें.

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बुध प्रदोष व्रत महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुध प्रदोष व्रत जो भी साधक अपने जीवन में रखता है, उसके जीवन के संकट दूर हो जाती है. इसके साथ ही उसके जीवन में सुख-शांति का वास होता है और सुख-समृद्धि का आगमन होता है. इसके अलावा बुध प्रदोष व्रत ग्रह दोषों से मुक्ति के लिए भी रखा जाता है.

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