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Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत के दिन करें अचूक उपाय, जानें पूजा विधि, महत्व और उपाय

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. इस दिन कुछ ज्योतिषीय उपाय करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला एक व्रत है. यह व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है और मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

प्रदोष व्रत का महत्व

शिव की कृपा: भगवान शिव को समर्पित होने के कारण, इस व्रत को करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
पापों का नाश: प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
मनोकामनाओं की पूर्ति: यह व्रत मनोकामनाओं की पूर्ति का एक शक्तिशाली साधन माना जाता है.
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: प्रदोष व्रत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है. यह तनाव को कम करने और मानसिक शांति प्रदान करने में मदद करता है.

प्रदोष व्रत की पूजा विधि
स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं.

पूजा सामग्री
बेल पत्र, धतूरा, धूप, दीप, नैवेद्य, फल आदि भगवान को अर्पित करें.
व्रत: पूरे दिन निराहार या फलाहार रहें.

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शाम की पूजा
शाम को फिर से भगवान शिव की पूजा करें और आरती करें.
भोग: भगवान शिव को जौ के सत्तू का भोग लगाएं.

विशेष उपाय

सूर्यदेव को अर्घ्य: सुबह तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्घ्य
आंकड़े के फूल: भगवान शिव को आंकड़े के फूल अर्पित करें.
शिव मंत्र का जाप: प्रदोष व्रत के दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है.
शिव पुराण का पाठ: शिव पुराण का पाठ करने से भी भगवान शिव प्रसन्न होते हैं.

प्रदोष व्रत के प्रकार

प्रदोष व्रत को दो प्रकार से मनाया जाता है:
रवि प्रदोष: यह रविवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत होता है, इसे सूर्य देव को समर्पित किया जाता है.
सोम प्रदोष: यह सोमवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत होता है, इसे भगवान शिव को समर्पित किया जाता है.

क्यों करें प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं.
मन की शांति: यह व्रत मन को शांत और स्थिर करता है.
ईश्वर के प्रति प्रेम: यह व्रत भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति को बढ़ाता है.
कर्मों का शुद्धिकरण: यह व्रत कर्मों को शुद्ध करता है और व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाता है.
सौभाग्य में वृद्धि: यह व्रत व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि लाता है.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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